शरणालयों में रह रहे परिवारों को सता रहा घर में चोरी का डर गृहस्थी छोड़कर शेल्टर में रहने को मजबूर धीमी रफ्तार से घट रहा है नदियों का जलस्तर


प्रयागराज ब्यूरो । शरणालयों में रह रहे बाढ़ पीडि़त परिवारों को घरों में चोरी का डर सता रहा है। इस वजह से उन्हे रातों को नींद नही आ रही है। लोगों का कहना है कि नदियों का पानी उतरते ही वापस घरों को लौटना होगा। उधर नदियों का जलस्तर धीमी गति से कम हो रहा है। उम्मीद है कि अगले दो से तीन दिन में घरों में रहने लायक स्थिति बन सकती है। आसान नहीं गृहस्थी साथ रखना
इस समय कछार एरिया के दर्जनों घर गंगा और यमुना की बाढ़ में डूबे हुए हैं। इनमें रहने वाले हजारों लोग इस समय शरणालयों में शरण लिए हुए हैं। लोगों का कहना है कि घर से पूरी गृहस्थी लेकर आना आसान नही था। काफी सामान घरों में बंद है। इसलिए चोरी का डर सताता रहता है। यही कारण है कि कई सदस्य रात में घर के आसपास चक्कर लगाते नजर आते हैं। टला नहीं है खतरा


जानकारों का कहना है कि अभी बाढ़ का खतरा टला नहीं है। क्योंकि इस समय गंगा और यमुना में प्रति घंटा दो से तीन सेमी पानी घट रहा है। यह स्पीड काफी कम है। इसलिए स्थिति सामान्य होने में दो से तीन दिन लग सकता है। इस बीच यूपी के तमाम बांधों से छोड़ा गया पानी भी फिर से जिले में परेशानी पैदा कर सकता है। मप्र और उत्तराखंड में हो रही बारिश भी प्रशासन के लिए सिरदर्द बनी हुई है। कहां ठहरे हैं कितने परिवारशरणालय परिवार की संख्याएनीबेसेंट स्कूल एलनगंज 102ऋषिकुल उमावि राजापुर 40स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज अशोक नगर 23कैंट मैरीज सदर बाजार 42सेंट जोसेफ गल्र्स हाई स्कूल ममफोर्डगंज 60यूनिटी पब्लिक स्कूल करेली 3महबूब अली इंटर कालेज बेली चौराहा 77कुल परिवार- 347कुल व्यक्ति- 1542नदियों का जलस्तरगंगा- 83.42 मीटरयमुना- 82.74 मीटरखतरे का निशान- 84.73 मीटर

गंदगी से होगा सामनाजिन लोगों के घरों में बाढ़ आई है उनका वापस लौटना आसान नहीं है। उनका कहना है कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद सबसे पहले गंदगी से सामना होगा। घरों के भीतर काफी ज्यादा गंदगी होगी जिसे साफ करना होगा। अगर नहीं किया तो संक्रामक बीमारियां फैल सकती है। यही हाल बाढ़ग्रस्त मोहल्लों का होगा। इसको लेकर नगर निगम की ओर से टीमों को एलर्ट किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों को संक्रामक बीमारियों के अलावा मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए भी तैयार किया जा रहा है। रोजगार भी हुआ चौपट


इतना ही नहीं बाढ़ पीडि़तों का रोजगार भी चौपट हो चुका है। वह काम नहीं ा पा रहे हैं। लोगों का कहना है कि शरणालयों में परिवार को छोडऩा उचित नही है। बच्चों का ख्याल रखना पड़ता है। अगर कुछ दिन और बाढ़ रह गई तो बचत के पैसे भी खत्म हो जाएंगे। साथ ही बच्चों की पढ़ाई भी चौपट हो रही है।

Posted By: Inextlive