मॉरीशस में लहराया एकेडेमी का परचम
विश्व हिन्दी साहित्य सम्मेलन में पहली बार हिन्दुस्तानी एकेडेमी ने की इंट्री, विशेषांक का हुआ विमोचन
ALLAHABAD: हिन्दी और उर्दू साहित्य की सबसे बड़ी बगिया हिन्दुस्तानी एकेडेमी के इतिहास में रविवार को एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। इसकी बड़ी वजह यह रही कि मॉरीशस में चल रहे ग्यारहवें विश्व हिन्दी साहित्य सम्मेलन में जहां एकेडेमी ने पहली बार इंट्री की वहीं एकेडेमी द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक शोध पत्रिका 'हिन्दुस्तानी' के भोजपुरी पर केन्द्रित विशेषांक का विमोचन भी किया गया। इसका प्रकाशन भी एकेडेमी में पहली बार कराया गया है। विमोचन समारोह में एकेडेमी के अध्यक्ष डॉ। उदय प्रताप सिंह भी मौजूद रहे। सीएम की पहल पर भोजपुरी शामिलउप्र में सत्ता परिवर्तन के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ जब पहली बार गोरखपुर की यात्रा पर गए थे तब उन्होंने एकेडेमी से अवधी, भोजपुरी, ब्रज व बुंदेली जैसी क्षेत्रीय भाषाओं के उन्नयन के लिए कार्य करने का निर्देश दिया था। उसी क्रम में एकेडेमी की ओर से प्रकाशित होने वाली त्रैमासिक पत्रिका हिन्दुस्तानी में भोजपुरी पर केन्द्रित विशेषांक प्रकाशित कराया गया है।
परिवार ने जताई खुशियांएकेडेमी की इस उपलब्धि पर एकेडेमी परिवार ने इसे एकेडेमी के संवर्द्धन के लिए मील का पत्थर बताया। कोषाध्यक्ष रविनंदन सिंह ने कहा कि यह एकेडेमी के लिए गौरव का क्षण है। सचिव रवीन्द्र कुमार ने कहा कि भोजपुरी को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास और अधिक किया जाएगा। वरिष्ठ रंगकर्मी प्रवीण शेखर, अजा मिल जी, पूर्व अध्यक्ष हरिमोहन मालवीय, नंदल हितैषी, तलब जौनपुरी, संतोष तिवारी, चंद्रशेखर ओझा, रतन पांडेय आदि ने एकेडेमी के अध्यक्ष को बधाई दी है।