हिंदी में कार्य करना है नैतिक जिम्मेदारी
- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में कुलसचिव ने हिंदी में कामकाज पर दिया जोर
prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को राजभाषा कार्यान्वयन समिति की मीटिंग कुलसचिव प्रो। नरेन्द्र कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में हुई। इस मौके पर संयोजक प्रो। योगेन्द्र प्रताप सिंह ने राजभाषा संबंधी नियमों का उल्लेख करते हुए हिंदी के प्रचार-प्रसार में आने वाली कठिनाईयों के निवारण संबंधी दिशा-निर्देश दिए। इसके बाद यूनिवर्सिटी के हिंदी अनुवादक हरिओम कुमार ने पिछले कार्यवृत की पुष्टि के बाद कार्यसूची के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की। ज्ञात हो कि हिंदी के प्रचार प्रसार हेतु व कई वर्ष पूर्व इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया था। वर्तमान में कुलपति प्रो। संगीता श्रीवास्तव इस समिति की संरक्षक हैं। मंथ में एक बार हो वर्कशापसमिति की मीटिंग में सर्वसम्माति से यह निर्णय लिया गया कि राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन को बढावा देने के लिए प्रत्येक माह सभी कालेजों और संकायों में राजभाषा की कार्यशाला की जाएं। हिंदी दिवस, 2021 के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं कराई जाएं। अध्यक्षीय संबोधन में प्रो। नरेन्द्र कुमार शुक्ल ने कहा कि हिंदी के प्रचार- प्रसार के लिए कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि हिंदी का प्रचार-प्रसार करना हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है। अत: नैतिक तौर पर भी हमें हिंदी में कार्य करना चाहिए। भाषाई आधार पर देश को तीन भागों में बांटा गया है क, ख एवं ग। इलाहाबाद विश्वविद्यालय क क्षेत्र में स्थित है तथा इस क्षेत्र से संबंधित दिशा- निर्देशों के अनुपालन में इविवि लगातार प्रयासरत है। मीटिंग में प्रो। केपी सिंह, डा। कल्पना वर्मा, डा। सरोज सिंह, डा। गायत्री सिंह, डा। दीनानाथ, डा। रतन कुमारी वर्मा, डा। आदित्य त्रिपाठी, डा। कृपा किजंलकम, डा। विनम्र सेन सिंह, डा। रमेश सिंह समेत अन्य ऑनलाइन शामिल हुए। संचालन राजभाषा प्रभारी हरिओम कुमार ने किया।