पांटून पुल से गिरा श्रमिक गंगा में डूबा
प्रयागराज (ब्यूरो)। इन दिनों माघ मेला की तैयारी तेजी से चल रही है। मेला के लिए गंगा में कुल पांच पांटून पुल का निर्माण जारी है। सभी पुल के निर्माण की मानीटरिंग पीडब्लूडी सीडी-4 के द्वारा की जा रही है। मंगलवार सुबह दारागंज दशास्वमेध घाट के पास गंगोत्री शिवाला मोरी चार नंबर पांटून पुल का निर्माण चल रहा था। निर्माण कार्य में करीब दो दर्जन से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। यही काम न्यू झूंसी निवासी लल्लू निषाद का बेटा अरुण कुमार भी कर रहा था। अचानक वह पुल से फिसला और गंगा में जा गिरा। जिस जगह वह गिरा वहां अथाह जल और बहाव तेज थौ। तेज बहाव में गिरते ही वह बचने के लिए हाथ पांव चलाने लगा। साथ काम कर रहे श्रमिकों को लगा कि वह तैर रहा है। थोड़ी देर बाद उसे डूबते हुए देख सभी शोर मचाने लगे। उनकी आवाज सुनकर आसपास के लोग व नाविक एवं ठेकेदार के मेठ आदि भाग कर मौके पर पहुंचे। किसी की भी तेज धारा में कूद कर उसे बचाने की हिम्मत नहीं हुई। लोगों द्वारा घटना की खबर तुरंत दारागंज पुलिस को दी गई। बात मालूम चलते ही मैसेज सेट के जरिए दारागंज पुलिस अफसरों को दी। जब तक पुलिस व टीमें पहुंची अरुण गंगा में बहते हुए डूब चुका था। मौके पर पहुंची एसडीआरएफ, गोताखोर, कुशल तैराक नाविकों को उसकी तलाश में लगा दिया गया। सुबह से शुरू सर्च ऑपरेशन देर शाम तक चलता रहा। शाम करीब सात बजे तक अरुण का कुछ पता नहीं चल सका था। खबर मिलते ही पीडब्लूडी के जेई सत्येंद्र नाथ भी मौके पर पहुंचे और घटना के कारणों की जानकारी लिए। देर शाम तक उसकी तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी रहा।काम बंद कर किए मुआवजे की मांगपुलिस द्वारा इस घटना की खबर उसके परिवार वालों को दी गई। जानकारी होते ही दो मासूम बेटी नन्हा और जिया के साथ उसकी पत्नी परिवार के अन्य लोगों संग मौके पर पहुंची। घटना स्थल पर पहुंचे परिवार के लोगों में कोहराम मच गया। सभी निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा के मानकों की अनदेखी का आरोप लगाने लगे। उधर घटना से नाराज अरुण के साथी मजदूरों ने पांटून पुल का निर्माण कार्य बंद कर दिया। सभी उसके परिवार को मुआवजा देने की मांग करते रहे।
होते ये इंतजाम तो न डूबता श्रमिकपीडब्लूडी के कुछ जिम्मेदारों की मानें तो पांटून पुल के निर्माण में सुरक्षा के कुछ मानक निर्धारित हैं
कहते हैं कि गंगा नदी में पांटून पुल बना रहे मजदूरों के पास लाइफ जैकेट होने के साथ तैरना भी आना चाहिएनिर्माणाधीन पांटून पुल के पास गोता खोर के साथ एक मोटर बोट टीम भी लगाई जानी चाहिए थीपुल के निर्माण कार्य में उन्हीं को लगाया जाना चाहिए था जिसे अच्छी तरह गंगा में तैरने की आदलत व प्रैक्टिस होकाम करने वालों के शरीर से एक रस्सी पीपा से बंधी होनी चाहिए थी, ताकि गिरने पर वह उसके सहारे बाहर आ सकेंमामले की जैसे जानकारी मिली, उसकी तलाश में एसडीआरएफ सहित गोताखोरों की कई टीमें लगा दी गईं। शिद्दत से उसकी तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। चूक कहां हुई, यह भी पता लगाया जाएगा।संजय खत्री, डीएम प्रयागराज