सात माह काम कराया, फिर भगाया
प्रयागराज (ब्यूरो)। कोरोना संक्रमण के दौरान एसआरएन हॉस्पिटल में आउट सोर्सिंग पर रखे गए 53 कर्मचारियों को सात माह काम कराने के बाद गुरुवार को निकाल दिया गया। अहम यह कि इनको एक भी माह का वेतन नही दिया गया है। अब यह सभी दर दर भटकने को मजबूर हैं। आक्रोशित होकर इन्होंने दोपहर में एसआईसी आफिस के सामने धरना भी दिया। जहां पर इनकी स्टाफ नर्स से भिड़ंत भी हो गई।
अप्रैल में हुई थी नियुक्ति
कोरोना की दूसरी लहर आने से पहले इसी साल अप्रैल में एसआरएन अस्पताल में आउट सोर्सिंग के तहत 53 स्टाफ नर्स की नियुक्ति की गई थी।
उनका कहना है कि यह अपाइंटमेंट के दौरान उनको यह नही बताया गया कि सेवा काल केवल तीन माह का है।
यह नियुक्ति जीत सिक्योरिटी एंड एचआर सर्विसेज की ओर से हुई थी।
सभी से एक-एक हजार रुपए जेम पोर्टल पर समायोजन हेतु रजिस्ट्रेशन के लिए संस्था की ओर से लिया गया था।
हमारे पास ओटीपी भी आई थी। हमसे संस्था ने बताया कि पूर्व में उनके द्वारा रखे गए 52 स्टाफ नर्स द्वारा काम छोड़कर जाने के बाद रिक्त पदों पर समायोजन किया जा रहा है।
संस्था पर बरगलाने का लगाया आरोप
एसआरएन अस्पताल के अधीक्षक के दिए गए शिकायती पत्र में बताया गया कि आउट सोर्सिंग स्टाफ नर्स का समायोजन भी नही कराया गया और गुरुवार को उनको अस्प्ताल प्रशासन ने बताया कि सभी को काम से निकाल दिया गया है। पीडि़त कर्मियों का कहना है कि सात माह से एक भी पैसा नही मिलने से सभी भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। नियुक्ति के समय हमे 18500 रुपए प्रतिमाह वेतन दिए जाने की बात कही गई थी लेकिन अभी तक एक माह का भी भुगतान नही किया गया है।
उधर, मामल से नाराज आउट सोर्सिंग कर्मचारियों ने जब दोपहर में एसआईसी आफिस के सामने धरना देना शुरू किया तो यहां स्टाफ नर्स से पंगा हो गया। दो नंबर वार्ड में ड्यूटी करने जा रही स्टाफ नर्स को जब आगे जाने का रास्ता नही मिला तो उसने एक आंदोलनरत कर्मी को थप्पड़ रसीद दिया। सोर्सेज का कहना है कि इसके बाद दोनों ओर से मारपीट की नौबत आ गई। लेकिन किसी तरह लोगों बीच बचाव कर मामला शांत कराया।