ठिठुरते शहर में लकड़ी की शार्टेज
प्रयागराज (ब्यूरो)। ठिठुरन व सर्द हवाओं का सितम शहर से लेकर गांव तक मंगलवार को भी जारी रहा। पिछले करीब पंद्रह दिनों से पड़ रही हिला देने वाली ठंड से राहत मिलने के आसार फिलहाल दिखाई नहीं दे रहे हैं। इस ठंड की वजह से मार्केट में लकड़ी और लकड़ी के कोयले की डिमांड बढ़ गई है। खपत बढऩे से शहरी क्षेत्र में लकड़ी की कमी हो गई है। लकड़ी की इस कमी के पीछे माघ मेला भी एक कारण माना जा रहा है। क्योंकि ज्यादातर व्यापारी माघ मेला में ही लकडिय़ों की सप्लाई कर रहे हैं। जिस वजह से सिटी के में लकड़ी के कोयले की डिमांड अधिक हो रही है। इस कोयले की बढ़ी हुई मांग को देखते हुए व्यापारी काफी गदगद हैं। शहर में यूं तो बड़ी दुकानों पर लकड़ी के कोयले का रेट चालीस रुपये किलो ही है। मगर, ठंड में लोगों की जरूरत को देखते हुए फुटकर दुकानदार यहां कोयला 50 से 60 रुपये किलो तक धड़ल्ले से बेच रहे हैं। जिन इलाकों में कोयले के बड़े व्यापारी नहीं हैं वहां फुटकर दुकानदार इसका भरपूर लाभ उठा रहे हैं।
न्यूनतम में सुधार अधिकतम बरकरार
मौसम विज्ञानियों की मानें सोमवार की अपेक्षा मंगलवार को तापमान में थोड़ा सुधार दर्ज किया गया है। न्यूनतम तापमान छह से बढ़कर सात डिग्री सेल्सियस के आसपास बताया गया। जबकि अधिकतम तापमान मंगलवार की तरह 14 डिग्री सेल्सियस ही रेकार्ड किया गया। बावजूद इसके बरकरार गलन और ठिठुरन की वजह सर्द हवाएं बताई गईं। मौसम विद कहते हैं कि कोहरा काफी अधिक पडऩे से वातावरण में नमी अधिक बढ़ गई है। ऊपर से पहाड़ी एरिया की हवाएं भी यहां पहुंच गई हैं। पहाड़ी क्षेत्र की यह हल्की हवाएं नम वातावरण को और भी ठंडा बना दे रही हैं। यही वह कारण है जिसकी वजह से लोगों को ठिठुरन भरी ठंड से राहत नहीं मिल रही है। मौसम विदों का अनुमान है कि यदि पहाड़ी हवाओं का रुख नहीं बदला तो यहां गलन इससे भी अधिक बढ़ सकती है।
कोयला व रूम हीटर बना आप्शन
ऐसे में यह मौसम लापरवाही बरतना सेहत के लिए ठीक नहीं है। करीब पंद्रह दिन से पड़ रही हाड़ कंपाने वाली ठंड में डिमांड बढऩे से शहर में जलाऊ लकड़ी की कमी हो गई है। जिसकी वजह से जिनके व्यापारियों के पास लकड़ी है भी वह फ्रेश जलाऊ लकड़ी 20 से 25 रुपये किलो बेच रहे हैं। अब एक तो शहर में आसानी से मिल नहीं रही, कहीं है भी तो रेट काफी बढ़ गया है। ऐसे स्थिति में लोग ठंडी से राहत पाने के लिए घरों में लकड़ी का कोयला व इलेक्ट्रानिक उपकरण जैसे रूम हिटर व ब्लोअर आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं।
यदि जिस कमरे में आप सोते हैं वहां रूम हीटर, ब्लोअर व कोल जला रहे तो सावधान रहें।
सोने से पहले जल रहे कोयले को बुझाना कतई नहीं भूले, हीटर और ब्लोअर है तो उसे बंद करके ही सोएं
अन्यथा उस कमरे में आक्सीजन का लेवल पूरी तरह से घट जाएगा, ऐसे में कार्बन डाईआक्साइड बढ़ उत्पन्न होगा।
यदि ऐसा हुआ तो रात में सोते समय आक्सीजन नहीं मिलेगा और दम घुटने से मौत तक हो सकती है।
यदि रूम पूरी तरह से पैक्ड है और रूम में कहीं से भी हवा जाने का रास्ता नहीं है तो यह सावधानी बरतना और भी जरूरी है। ठंड में लकड़ी के को फुटकर खरीदारों की संख्या काफी बढ़ी है। लोगों की जरूरत है थोक व्यापारी पुराना रेट 40 रुपये किलो ही बेच रहे हैं। छोटे दुकानदार डिमांड बढ़ी है तो थोड़ा बहुत पैसा बढ़ा दिए होंगे। उनका किराया भाड़ा भी लगता है। कहां से आएगा।
हकीमजी, कोल व्यापारी रामभवन