आज से डाला छठ महापर्व की शुरुआत नहाय खाय से हो जाएगी. इस अवसर पर महिलाएं नए वस्त्र पहनकर छठी मईया का ध्यान करेंगी. जिससे उनका व्रत सकुशल पूरा हो जाए. पर्व को लेकर दिनभर संगम तट पर तैयारियां चलती रहीं. बाजार में भी खरीदारों की वजह से रौनक छाई रही. शुक्रवार को कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और यहीं से इस पर्व का आरंभ होता है. महिलाएं आज शाकाहारी भोजन करेंगी.


प्रयागराज ब्यूरो, डाला छठ पर महिलाएं बच्चों व परिवार की सुख-समृद्धि, शांति व लंबी आयु के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर पूजन करती हैं। षष्ठी तिथि पर डूबते सूर्य को अघ्र्य देने के बाद महिलाएं घरों पर या संगम घाट पर रातभर जागरण करती हैं। डाला छठ पूजा का सबसे खास प्रसाद ठेकुआ है, जो गेहूं के आटे में देशी घी और चीनी मिलाकर बनाया जाता है और इसे खाकर व्रत का पारण किया जाता है। बनाते हैं। इसी को खाकर व्रत का पारण किया जाता है। माना जाता है कि लंका विजय करके अयोध्या आने पर भगवान श्रीराम ने अपने कुलदेवता सूर्यदेव की उपासना की थी। माता सीता ने षष्ठी तिथि पर व्रत रखकर सरयू नदी में डूबते सूर्य को अघ्र्य दिया था। जबकि श्रीराम ने सप्तमी तिथि पर उगते सूर्य को अघ्र्य दिया था।कैसे होता है पूजन, क्या है सामग्री


छठी मइया को नींबू, नारंगी, गन्ना, नारियल, ङ्क्षसघाड़ा व ठेकुआ अर्पित किया जाता है। नींबू व नारंगी का रंग पीला होता है। यह रंग शुभ होता है। गन्ना का मंडप बनाकर उसी के अंदर पूजा की जाती है। गन्ना समृद्धि का प्रतीक है। जबकि ङ्क्षसघाड़ा रोगनाशक होता है। इसी प्रकार केला, सुपाड़ी, पान, अमरूद व नारियल भी पवित्र होते हैं।

होंगे कई आयोजन, चला सफाई अभियान पूर्वांचल छठ पूजा एवं विकास समिति के तत्वावधान में शुक्रवार को संगमनोज पर सूर्य देव की प्रतिमा की स्थापना एवम प्राणप्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। जिसमे आवाहन के साथ आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ औऱ एक सौ आठ बार सूर्य चालीसा अखंड पाठ किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष अजय राय ने बताया इस पर्व पर जब सूर्य देव पूजन का पुण्य लाभ बढ़ जाता है। उन्होंने बताया उगते सूरज की तो पूजा सभी करते है छठ महा पर्व पर डूबते सूरज की उपासना की जाती है। समिति के सफाई अभियान में कृष्णानंद तिवारी अरुण कुमार मालवीय प्रसिद्ध नारायण पांडे संतोष कुमार शुक्ला अभय नारायण पांडे आदि उपस्थित रहे। इसके अलावा समिति की ओर से वैदिक मंत्रों के साथ संगम तट पर कैंप कार्यालय की भूमि का पूजन अर्चन किया गया और छठ पूजा के कार्यक्रम को सकुशल संपन्न कराने की गंगा मैया से प्रार्थना की गई। बाजारों में रौनक

दीपावली के बाद एक बार फिर बाजारों में रौनक छाई रही। महिलाओं ने व्रत में उपयोग होने वाली सामग्री की खरीदारी की। इसके अलावा फलों की दुकानों पर भी लोग उमड़ रहे। पूजा की तैयारी के लिए बाजार में महिलाएं टोकरी, गुड़, चावल समेत मौसमी फल और सब्जियों की खरीदारी कर रही हैं।

Posted By: Inextlive