महिलाओं ने रोका अंतिम संस्कार, आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग
प्रयागराज (ब्यूरो)। चक पूरे खुर्द मियां का पूरा गांव निवासी बजरंग बहादुर पटेल (55), उनकी पत्नी प्रेमा (50) और पुत्री तनु (18) के गर्दन पर मंगलवार देर रात धारदार हथियार से हमला किया गया था। इसमें प्रेमा और तनु की मौत हो गई थी। जबकि बजरंग बहादुर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मामले में गांव के ही नवनील चंद्र मिश्र, महेश नारायण मिश्र, आकाश मिश्र व सुजीत कुमार को नामजद किया गया था। आरोप लगाया गया कि पुरानी रंजिश को लेकर वारदात को अंजाम दिया गया। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद मां-बेटी का शव एंबलेंस से घर लाया जा रहा था, लेकिन गांव के बाहर ही बड़ी संख्या में महिलाओं ने एंबुलेंस का रास्ता रोक लिया। इसी दौरान अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा। पल्लवी पटेल वहां पहुंच गईं। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने डा। पल्लवी पटेल से बातचीत की। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने मृतकों के स्वजनों को उचित मुआवजा, पट्टे की जमीन, तीन शस्त्र लाइसेंस, बजरंग बहादुर के इलाअन्य मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। पुलिस ने 48 घंटे के भीतर आरोपितों की गिरफ्तारी की बात कही, जिसके बाद शाम करीब ज का खर्च, आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की, जिस पर एसडीएम ने तत्काल पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने के साथ ही 5:30 बजे महिलाएं सड़क से हटीं और आधे घंटे बाद मां-बेटी के शव को दफनाया गया।
पहली बार गांव में दफनाया गया शवचकपूरे खुर्द मियां का पूरा गांव में किसी की मृत्यु होने पर दाह संस्कार लवायन कला के पंचवटी घाट पर किया जाता है। लेकिन पहली बार ऐसा हुआ जब मां-बेटी का शव उनके घर के पास ही पुश्तैनी जमीन में दफनाया गया। इसके लिए स्वजनों के साथ ही पटेल बिरादरी के लोगों ने भी सहमति जताई थी। करीबियों के यहां दबिश, नौ उठाए गए
मां-बेटी की हत्या में नवनील चंद्र मिश्र, महेश नारायण मिश्र, आकाश मिश्र व सुजीत कुमार को नामजद किया गया है। इनकी तलाश में बुधवार देर रात और गुरुवार को दिन में पुलिस ने उनके नाते-रिश्तेदारों और करीबियों के यहां दबिश दी। नौ लोगों को पूछताछ के लिए थाने लाया गया है। आरोपित कहां शरण ले सकते हैं, इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
पुलिस सुरक्षा में है अंशिका
दोहरे हत्याकांड की मुख्य गवाह मृतका प्रेमा की पोती छह वर्षीया अंशिका को पुलिस ने अपनी सुरक्षा में ले रखा है। गुरुवार को परिवार की महिलाओं ने अंशिका को सौंपने की बात कही, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर उसे सौंपने से इन्कार कर दिया। महिलाओं को समझाया गया तो वह मान गईं।
दोहरे हत्याकांड के बाद गांव में दो पक्षों के बीच जबरदस्त तनाव है। इसे देखते हुए पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। संदिग्धों पर नजर रखने के निर्देश अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं। 25 वर्ष पहले हुई थी पहली हत्या
चक पूरे खुर्द मियां का पूरा गांव निवासी दुखीराम साहू के घर में अगस्त 1996 में किसी ने आग लगा दिया था। उस समय दुखी राम की तरफ से आरोपित नवनील मिश्र के परिवार के लोग आगे आए थे। बजरंग बहादुर पटेल के बड़े भाई रामनरेश पटेल को लाठी-डंडे से पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था। उस समय से दोनों पक्षों के बीच चली अदावत का नतीजा यह रहा कि ढाई वर्ष पहले नवनील के भाई नवनीत की हत्या कर दी गई थी। इसमें बजरंग बहादुर के भाई और पुत्र नामजद हुए थे। मंगलवार देर रात प्रेमा और तनु की हत्या के बाद यह अदावत और गहरी हो गई है।