दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की मुहिम से जुड़कर पब्लिक ने दी जानकारी कोई खास न नपे शुरू हो गई जोड़-तोड़ जिले में स्मैक के धंधे पर पुलिस की नजर भले ही टेढ़ी हुई हो. लेकिन इस पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है. दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के 'नशे का अवैध धंधाÓ मुहिम से लगातार जुड़ रही पब्लिक ने बताया कि अब स्मैक के कारोबार में महिलाओं को हथियार बनाया जा रहा है. क्योंकि महिला जिस ढंग से स्मैक के पुडिय़ा को रखकर छुपा लेती हैं. उसे चेक कर पाना मुश्किल है. पुलिस के साथ हर वक्त महिला सिपाही मौजूद नहीं होती है. इसी फायदा उठाया जा रहा है. वहीं इसमें एक महिला गैंग भी सक्रिय हो गई है. सोशल मीडिया पर फटाफट नए अकाउंट बनाए जा रहे हैं. ताकि गलत आईडी से अपनी पहचान छुपाकर धंधे को बंद होने से रोका जा सके.


प्रयागराज ब्यूरो, दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की मुहिम पर जिले के जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि पुलिस टीम अपने-अपने लेवल पर काम कर रही है। वहीं नए जगहों से जुड़कर लोगों ने करेली और मु_ीगंज क्षेत्र में बिकने वाले स्थानों की जानकारी दी गई। अब सवाल यह है कि कुछ खास न नपे इसकी भी कवायद शुरू हो गई है। फर्जी अकाउंट तक बनाए जा रहे है। तरह-तरह के तर्क देकर सबकुछ ठीक चल रहा है। इसको शो करने की कोशिश की जा रही है। पब्लिक की डिमांड पर इस मुहिम को शुरू किया गया है। ताकि स्मैक का कारोबार बंद हो सके। अधिकारियों ने दबिश देकर स्मैकियों को पकड़कर इनको सरंक्षण देने वालों पर कार्रवाई नहीं की। यह सूखे नशे का कारवां ऐसे ही चलता रहेगा।


एसआरएन अस्पताल के साईकायट्री डिपार्टमेंट में स्मैक के नशा का लत छुड़वाने के लिए पहुंचे कुछ लोगों से बातचीत की गई। इस दौरान दारागंज के रहने वाले आशीष ने अपनी आपबीती सुनाई। बताया कि वह स्मैक के आदी हो गए थे। पीने के बाद अगले दिन उसके जुगाड़ में लग जाते थे वह कैसे मिलेगा। बताया कि सबसे बुरा हाल गर्मी में होता है। बताया कि कोरोना के दौरान उनके साथ के लगभग स्मैकियों की मौत हो चुकी है।

Posted By: Inextlive