अवकाश न होता तो संभालना हो जाता मुश्किल
प्रयागराज (ब्यूरो)। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में शनिवार को ही अवकाश घोषित हो चुका है। क्लासेज बंद हो गयीं तो ज्यादातर छात्र अपने घर निकल गये। इसके चलते हॉस्टल में भी अब वही छात्र हैं जिन्हें आने वाले दिनों में किसी परीक्षा में शामिल होना है या फिर वे हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले ही हॉस्टल में इंट्री ली है। वे पढ़ाई पर कंसंट्रेट कर रहे हैं क्योंकि एडमिशन की प्रक्रिया लेट होने की वजह से उनका कोर्स आलरेडी काफी पिछड़ा हुआ है। घटना के बाद कैंपस में मौजूद रहे छात्रों ने पिटाई और मारपीट का वीडियो वायरल करना शुरू कर दिया तो आसपास रहने वाले छात्र जुटने लगे। हॉस्टल से भी निकलकर तमाम छात्र कैंपस के आसपास पहुंच गये। छात्रावासों से निकलकर सड़कों पर जमा छात्रों को पुलिस ने कैंपस में जाने नहीं दिया।
दुबके रहे कर्मचारी, नहीं निकले बाहर
छात्रों का हूजूम जब इवि कैंपस में घुसा तो पुलिस के सैकड़ो जवान भी साथ-साथ थे। पुलिस छात्रों को समझाने की कोशिश कर रही थी और छात्र आक्रामक थे। परीक्षा नियंत्रक कार्यालय और कुलपति कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी अंदर दुबके रहे। गेटों पर ताला जड़ दिया गया था। छात्रों को खदेडऩे वाले सुरक्षाकर्मियों को इस तरह से पलटवार का अंदाजा नहीं था। कुलपति कार्यालय के रास्ते छात्र लाइब्रेरी गेट की ओर बढ़े तो वहां सुरक्षाकर्मी खड़े थे। छात्रों के आक्रोश को देखते हुए सुरक्षाकर्मी वहां से जान बचाकर भागे और पार्क में इकठ्ठा हो गए। कुछ छात्रों ने पत्थर फेंके तो वह भागकर अंग्रेजी विभाग में छिप गए। अधिकारियों के सामने ही कुछ कारों के शीशे तोड़े गए।
घायल छात्र नेता विवेकानंद ने कमिश्नर और डीएम से कहा कि वह शांतिपूर्ण मार्च पर गए थे। यूनिवर्सिटी के गाड्र्स ने छात्रों को फंसाने के लिए आगजनी की। जब तक मुकदमा लिखकर चीफ प्राक्टर और गार्डस को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा वह और बाकी छात्र छात्र संघ भवन परिसर में बिना इलाज कराए बैठे रहेंगे। कई घंटे तक बातचीत और मान-मनौव्वल के बाद हमलावर सिक्योरिटी गाड्र्स के खिलाफ मुकदमे की तहरीर देकर विवेकानंद समेत पांच छात्र मेडिकल कराने के लिए राजी हुए तो पुलिस जीप में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। छात्र चेतावनी देते रहे कि अगर हत्या की कोशिश का मुकदमा लिखकर गिरफ्तारी नहीं की गई तो मंगलवार को उग्र आंदोलन किया जाएगा।
माचिस व लाईटर लेकर पहुंचे थे छात्र
इविवि परिसर में घुसते ही छात्रों व तमाम लोगों का गुट कई भाग में बंट गया। भीड़ को कई भाग में बांटता देखा अपर आयुक्त आकाश कुलहरि एक्टिव हो गए। उन्होंने एसीपी व डीसीपी को टीम टुकड़ों में पुलिस बल लेकर छात्रों के पीछे व साथ रहने का निर्देश दिया। जिसके चलते उग्र छात्र ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। जैसे ही बाइक में आग लगाते वैसे ही आग को बुझा दिया जाता। तोडफ़ोड़ करने वाला का मोबाइल निकाल कर वीडियो बनाते तो छात्र भाग निकलते। पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए कुछ लोगों ने फेस पर रूमाल व मफलर बांधे हुये थे।
विवेकानंद पाठक एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं। वर्तमान समय में वह यूपी कांग्रेस सदस्य भी है। वर्तमान में यूपी कांग्रेस के महासचिव हैं। उन्हें अमेठी का प्रभारी नियुक्त किया गया है। वह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की छात्र संघ राजनीति में भी सक्रिय रह चुके हैं।