ऋषभ और आशा के सिर शंख सम्राट का ताज
बाल और महिला कटैगिरी में दोनों बने विजेता
दोनों ने एक सांस में क्रमश: 17 और 20 सेकंड तक बजायी शंख prayagraj@inext.co.inPRAYAGRAJ: सनातन धर्म में पूजा विधि के समय शंख नाद की पुरानी परम्परा है। लेकिन समय के साथ शंख नाद की क्षमता लोगों में धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। जबकि शास्त्रों के अनुसार शंखनाद का नियमित अभ्यास हमारे फेफड़ों व हार्ट के लिए किसी एक्सरसाइज से कम नहीं है। ऐसे में प्रयागराज के दारागंज में शंखनाद की इसी परम्परा को पिछले 15 सालों से जीवित रखने की कवायद चल रही है। इसके लिए पिछले 15 सालों से हर साल शंख सम्राट प्रतियोगिता का आयोजन होता है। जिसमें सिटी के साथ ही बाहर के शहरों से भी शंखनाद का रिकार्ड बनाने के लिए लोग पहुंचते है। इस बार शंख सम्राट प्रतियोगिता का उद्घाटन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने किया। अखिल भारतीय ब्राह्मण चेतना समिति व प्रयागराज सेवा समिति के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को नागवासुकी मंदिर दारागंज में प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
खडि़या पंडित की याद में हुई थी शुरुआतशंख सम्राट प्रतियोगिता की शुरुआत स्वर्गीय द्विज राज पाण्डेय खडि़या पंडित जी की स्मृति में 15 साल पहले हुई थी। बुधवार को हुए आयोजन के दौरान सबसे पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के द्वारा नागवासुकी बाबा, असी माधव एवं भीष्म पितामह जी का पूजन अर्चन किया गया। मंदिर के पुजारी श्यामधर त्रिपाठी के निर्देशन में 21 आचार्यो के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार किया गया। तत्पश्चात मंच पर चीफ गेस्ट रामानुजाचार्य जगतगुरु स्वामी धराचार्य जी महाराज, प्रयागराज सेवा समिति के अध्यक्ष पंडित धर्मराज पाण्डेय, अखिल भारतीय ब्राह्मण चेतना समिति के अध्यक्ष पंडित भक्तराज पाण्डेय को माला पहनाने के बाद अंगवस्त्रम से सम्मानित किया। इसके बाद भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक संस्था के सचिव, तीर्थराज पाण्डेय, काशी प्रांत के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अवधेश गुप्ता, महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी, प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य मृत्युंजय तिवारी के द्वारा 51 किलो की माला पहनाकर डिप्टी सीएम का स्वागत हुआ।
डिप्टी सीएम ने शंख बजाकर किया उद्घाटनशंख सम्राट प्रतियोगिता की शुरुआत डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने शंख बजाकर किया। इसके बाद प्रतियोगिता की शुरुआत हुई। शंख सम्राट प्रतियोगिता को तीन कैटेगरी में डिवाइड किया गया था। पहली कैटेगरी बच्चों की रही। जबकि दूसरी कैटेगरी में महिलाएं व तीसरी कैटेगरी में पुरुष प्रतिभागियों ने अपनी शंख बजाने की कला का प्रदर्शन किया। पहली बाल प्रतियोगी कैटेगरी में प्रथम स्थान ऋषभ देव ने हासिल किया। उन्होंने 17 सेकेंड तक शंखनाद किया। जबकि दूसरे स्थान पर दो प्रतिभागी रहे। दोनों प्रतिभागी मयंक श्रीवास्तव व प्रसाक्षी पाण्डेय ने 10 सेकेंड तक शंखनाद किया। तीसरे स्थान पर कार्तिकेय श्रीवास्तव रहे। उन्होंने 5 सेकेंड तक शंखनाद किया। महिला कैटेगरी में 20 सेकेंड तक शंखनाद करके आशा पाण्डेय प्रथम स्थान पर रही। दूसरे स्थान पर 12 सेकेंड तक शंख बजाकर सुनीता अवस्थी रही। तीसरे स्थान पर सुरक्षा ओझा और कल्पना शर्मा रही। उन्होंने 6 सेकेंड तक शंख बजाया। 5 सेकेंड तक शंख बजाने वाली सारिका भारद्वाज को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
51 सेकेंड के साथ वीरेन्द्र पाण्डेय बने विजेता शंख सम्राट प्रतियोगिता में प्रतिभागियों के बीच कांटे की टक्कर रही। लेकिन धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने प्रतियोगिता में बाजी मारी। उन्होंने नानस्टाप 51 सेकेंड शंखनाद किया। जबकि दूसरे स्थान पर रविराज पाण्डेय रहे। उन्होंने 33 सेकेंड तक शंखनाद किया। हालांकि वह आयोजक समिति से जुड़े लोगों के परिवार से थे। इसलिए उन्हें निर्णायक मंडल ने विजेताओं में शामिल नहीं किया। ऐसे में सेकेंड पोजिशन पर पद्मनारायण व बबलू पाण्डेय रहे। जिन्होंने 30 सेकेंड तक शंखनाद किया। तीसरे स्थान पर शिवम् तिवारी रहे। जिन्होंने 28 सेकेंड तक शंख बजाया। वहीं 26 सेकेंड तक शंख बजाने वाले विजयानंद मिश्र को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। कर्मकांड से ही हो जाती है प्रैक्टिसशंख सम्राट प्रतियोगिता के विजेता रहे धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय बताया कि उनकी उम्र 30 साल से अधिक है। लेकिन वह काफी लंबे समय से कर्मकांड कराते आ रहे है। कर्मकांड के दौरान ही शंख नाद करते है। इसी से उनकी प्रैक्टिस होती है।