हॉस्टल में ही जलाएंगे कॅरियर का दीप
प्रयागराज ब्यूरो, घर जाने के लिए जा सकते थे। मगर, लौटने के बाद कई दिनों घर की ही याद आती है। इसका असर हमारी पढ़ाई पर पडऩे लगता है। 27 अक्टूबर से सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू हैं। हमें उसकी तैयारी करनी है। एक बार सफलता मिल जाय फिर तो हर दिन दीवाली ही है। हमारा घर कुशीनगर में पड़ता है।
अमन राव, सर जीएन झा हॉस्टल
अश्वनी सिंह, सर जीएन झा हॉस्टल
हमारा घर माण्डा में है। दीपावली पर एक हफ्ते पूर्व घर जाने का प्लान बनाए थे। बीच में पीएचडी यानी शोध से जुड़े कई काम मिल गए हैं। जिसे पूरा करना जरूरी है। अब दीपावली पर यहीं रहकर काम पूरा करेंगे। कॅरियर एक बार बन जाय फिर पूरे परिवार की दीवाली हो जाएगी।
इर्जेश सोनकर, एएन झा हॉस्टल
हम भी यहां हॉस्टल में रहकर शोध कर रहे हैं। इसी सिलसिले में हमें शुक्रवार को लखनऊ जाना पड़ा था। दीपावली पर घर नहीं जा पाएंगे। क्योंकि शोध से जुड़े कई प्रोजेक्ट पूरे करने अभी शेष हैं। हमारा घर बहुत दूर नहीं प्रतापगढ़ कुण्डा में पड़ता है। नहीं आ पाएंगे घर वालों बता दिए हैं।
सनी सिंह, एएन झा हॉस्टल