जाम में क्यों फंसना, विकल्प भी तो हैं आने-जाने के लिए
प्रयागराज (ब्यूरो)। प्रयाग स्टेशन के पास दो रेलवे फाटक पर बन रहे फ्लाईओवर से लोग परेशान हो गए हैं। जाम की समस्या आम हो गई है। रेलवे फाटक बंद होने के बाद लोग काफी देर तक जाम में फंसे रहते हैं। यह एक पक्ष है तो इसका दूसरा पक्ष भी है। यानी पब्लिक अपने आवागमन को सकुशल और निर्विध्न बनाने के लिए पब्लिक कुछ ही दूरी एक्स्ट्रा का चक्कर भी नहीं लगाना चाहती है। इसी चक्कर में वह झेल रही है। दो दिन पहले तक तो इस रास्ते पर सिर्फ जाम समस्या था थी लेकिन पिछले 24 घंटे के भीतर हुई बारिश के बाद इस रास्ते पर चंद कदम की दूरी तय करना भी किसी जंग लडऩे से कमतर नहीं है।
बड़ी आबादी हो गई है प्रभावित
प्रयाग रेलवे स्टेशन के उत्तरी छोर पर आईआरटी रेलवे फाटक और मजार रोड रेलवे फाटक है। इन दोनों रेलवे फाटक से ओमगायत्री नगर, गल्लाबाजार, सलोरी, चांदपुर, बड़ा बघाड़ा, सादियाबाद, काटजू कालोनी, ऊंट खाना के करीब तीन लाख लोगों का आवागमन होता था। ट्रेनों के आवागमन के दौरान दोनों रेलवे फाटक बंद हो जाने पर जाम की समस्या ने गंभीर रूप ले लिया था। जिस पर कई साल से रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज बनाने की मांग उठाई जा रही थी। इस पर मौजूदा विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी के प्रयास से मजार रोड रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज निर्माण का काम शुरू हुआ। यह स्थिति भी तब है जबकि सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी पब्लिक को पूरी तरह से राहत दे सकती है।
मजार रोड स्थित रेलवे फाटक करीब एक साल से बंद है। कारण, इस रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज निर्माण का कार्य चल रहा है। एक साल से ज्यादा का समय होने के बाद भी अभी तक आधा फ्लाईओवर नहीं बन सका है। इस फाटक के बंद होने से पूरा लोड आईईआरटी रेलवे फाटक पर आ गया। जिससे जाम की समस्या ने गंभीर रुख अख्तियार कर लिया। इस वर्ष पूरी गर्मी के मौसम में लोग जाम में फंस कर तड़प गए। इसके बाद बारिश ने परेशान किया। नवंबर से दूसरा फाटक भी बंद
नवंबर महीने की शुरुआत में आईईआरटी रेलवे फाटक पर रेलवे ने फ्लाईओवर का काम शुरू करा दिया। ऐसे में लोगों की मुश्किल बढ़ गई। मजार रोड रेलवे फाटक पहले से बंद था। इसके बाद आईईआरटी रेलवे फाटक पर भी काम शुरू होने से जाम की समस्या इस कदर विकराल रूप ले चुकी है कि लोग परेशान होकर रह गए हैं।
कभी धूल को कभी कीचड़
आईईआरटी रेलवे फाटक पर फ्लाईओवर का काम शुरू है। ऐसे में लोग कभी धूल से तो कभी कीचड़ से परेशान हो जा रहे हैं। सूखे मौसम में धूल से लोग सराबोर हो जाते हैं। जबकि अभी हाल के दिनों में तीन बार हुई बारिश से लोग कीचड़ की समस्या से परेशान हैं।
महाकुंभ की तैयारी में लगे रेलवे को अक्तूबर तक अपने सभी काम पूरे करने हैं। मगर आईईआरटी के पास बन रहे फलाईओवर की लंबाई अधिक नहीं होने से इसका काम मई तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। ऐसे में अभी की दिक्कतों को देखते हुए दूसरे रास्ते से भी आया जाया जा सकता है। शुक्ला मार्केट से होकर गोविंदपुर, अपट्रान चौराहा होते हुए मजार तिराहा पहुंचा जा सकता है। ये बात दीगर है कि ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज से मजार तिराहा तक पहुंचने में तीन किलोमीटर की दूरी ज्यादा तय करनी पड़ेगी। मगर इसमें लगने वाले थोड़ा ज्यादा समय और पेट्रोल से जाम की समस्या से राहत मिल सकती है।
दो फ्लाईओवर पर एक साथ काम होने से कई मोहल्ले के लाखों लोगों को आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे फाटक काफी देर तक बंद रहता है। जब तक ये समस्या है, तब तक वैकल्पिक रूप से बघाड़ा से बक्शीबांध तक चकर्ड प्लेट बिछाकर यातायात समान्य किया जा सकता है।
देवेंद्र मिश्रा, काटजू कालोनी
शनि आदेश शुक्ला, सलोरी फ्लाईओवर का निर्माण कार्य आने वाले समय में राहत देगा, मगर अभी जब तक निर्माण नहीं हो जा रहा तब तक जाम की समस्या गंभीर है। संबंधित अफसरों को जाम की समस्या का हल खोजना चाहिए।
सूर्य प्रकाश पांडेय, ओमगायत्री नगर