सर्दी हो या गर्मी, दिल नहीं बरतेगा नरमी
प्रयागराज (ब्यूरो)। दस्तक दे रहे आधा दर्जन से अधिक केस एसआरएन हॉस्पिटल के कार्डियोलाजी विभाग में इस समय रोजाना 6 से 8 नए हार्ट अटैक के मामले आ रहे हैं। यह कुल आने वाले केसेज के 25 फीसदी से अधिक हैं। यह हाल गर्मी के सीजन का है, जबकि माना जाता है कि हार्ट अटैक का सबसे पीक सीजन ठंड का होता है। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि इससे मौसम का लेना देना नही है। लोगों की लाइफ स्टाइल इसका सबसे बड़ा कारण बन रही है।केसेज ने किया सोचने पर मजबूरकटरा में रहने वाले 35 साल के विशेष कुमार आईएएस एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं। मार्निंग में अचानक उन्हें सीने में तेज दर्द उठा तो यार दोस्त उन्हें एसआरन अस्पताल ले गए। मेजर हार्ट अटैक का केस होने की वजह से उनको भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
मीडिया इंडस्ट्री में कार्यरत एक कर्मचारी को दो दिन से सीने में तेज दर्द होने के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उन्हें डॉक्टर के पास ले गए तो उन्होंने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक पड़ा है और वाल्व से अधिक रिसाव हो रहा है। उन्हें भी भर्ती कर लिया गया है।
ममफोर्डगंज के रहने वाले 45 साल के गौरव सिंह की नौकरी कोरोना काल में चली गई थी। इसके बाद से वह तनाव में रहने लगे और दो दिन पहले उन्हें हार्ट अटैक पड़ गया। आनन फानन में परिजनों ने उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है।गर्मियों में इनको होती है दिक्कतजिन लोगों को पहले हार्ट अटैक पड़ चुका है, ऐसे मरीजों को हार्ट फेल्योर की श्रेणी में रखा जाता है। डॉक्टर्स का कहना है कि इन लोगों गर्मियों के सीजन में दिक्कत होती है। इनको पानी कम पीने को कहा जाता है और अधिक पसीना निकलने की वजह से इनको दिक्कत होने लगती है। ऐसे मरीजों की हार्ट की पंपिंग कम हो जाती है और इनके पुन: हार्ट अटैक के चांसेज बढ़ जाते हैं।हार्ट अटैक के मुख्य कारण- खानपान में जंक फूड की मात्रा का बढ़ जाना।- सिगरेट, तंबाकू और शराब का अधिक सेवन।- माता-पिता या परिवार में किसी को हार्ट की समस्या होना।- देर तक सोना और व्यायाम नही करना।- बीपी और शुगर की लंबे समय तक समस्या होना।- किसी कारणवश लगातार तनाव में रहना।रेड सिग्नल हैं ये लक्षण- शरीर से पसीना आना और ठंड भी लगना।- थकान महसूस होना
- सांस लेने में परेशानी- शरीर का भार कम महसूस होना- चक्कर आना- बाएं हाथ में दर्द- उल्टी महसूस होना- अपच-सीने में जलनसाल में एक बार कराएं दो जांचअगर हार्ट अटैक से बचना है तो साल में दो बार दो जांच कराना बेहद जरूरी है। इसमें एक जांच का नाम टूडी इको है और दूसरी जांच टीएमटी है। इसमें तनाव की जांच की जाती है। इन दोनों जांच के जरिए दिल की क्षमता का अंदाजा हो जाता है। जो लोग नियमित तौर पर इन दोनों जांच कराते है वह हार्ट अटैक की समस्या से बचे रहते हैं।गर्मी के सीजन में भी हार्ट अटैक के अधिक मामले आ रहे हैं। हालांकि मौसम का इससे सीधा संबंध नही है। इसका मेन कारण लाइफ स्टाइल और खानपान है। नशे का अधिक सेवन नही करना चाहिए। रोजाना व्यायाम करिए और खुद को तनाव से बचाए रहिए।डॉ। अभिषेक सचदेवा, कार्डियोलाजी विभाग एसआरएन अस्पताल