घर में घुसा पानी तो स्थान बदलकर हुई मजलिस
प्रयागराज (ब्यूरो)। रजा अब्बास ज़ैदी ने करबला के मैदान मे एक तरफ लाखों के यजीदी लश्कर और दूसरी तरफ मात्र बहत्तर लोग जो पैगंबर ए इसलाम के घराने से थे उनकी जंग का मार्मिक अन्दाज़ में वर्णन किया। अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया ने नौहा और मातम का नजऱाना पेश किया। शाम को दरियाबाद इमामबाड़ा अहमद ज़ैदी में सालाना मजलिस में हैदर अब्बास बिट्टू ने सोज़ व सलाम से मजलिस का आगाज किया। डॉ कमर आब्दी ने पेशख्वानी व शफकत अब्बास नज संचालन किया। अम्मार जैदी किबला ने मजलिस को खेताब किया। अन्जुमन हाशिमया के नौहाख्वानों सफदर अब्बास, जिया अब्बास अर्शी आदि ने डॉ कमर आब्दी का लिखा गमगीन नौहा पढ़ा। इफ्तेखार हुसैन, मशहद अली खाँ, अली आला जैदी, शफकत अब्बास पाशा, अली हसन, मोहम्मद अस्करी, औन जैदी, जौन ज़ैदी, शजीह अब्बास, जामिन हसन, अली काजिम, गदीर रिजवघ आदि मौजूद रहे।हुसैनियों को रोने पर किया मजबूर
दरियाबाद स्थित शायर ए अहलेबैत रौनक सफीपुरी द्वारा आयोजित सालाना मजलिस में लखनऊ यूनिवर्सिटी के शोबा ए उर्दू (एचओडी) डॉ फाजिल अहसन हाशमी ने तहतुललफ्ज़ मर्सियाख्वानी में एक-एक अशआर को अपने सधे अंदाज और मर्सिया पढ़ा तो सामईन ने हर अशआर पर जमकर दाद दी। करबला के शहीदों का तजकेरा आया तो हर आँख अश्कों से छलकने लगी। मजलिस में रेयाज मिर्जा व शुजा मिर्जा ने सोज व सलाम पढ़ा। अन्जुमन नकविया के नौहाख्वान शाहरुक़ आब्दी, मंजर नकवी, शानू नकवी, शाज़ू रिजवी, शीज रिजवी, शबीह रिजवी, शबीह हसन शाहरुक, शऊर नकवी, अली नकवी ने शायर रौनक सफीपुरी का लिखा नौहा पढ़ा। मौलाना आमिरुर रिजवी, हसन नकवी, अली आला जैदी, मोहम्मद अस्करी, शफकत अब्बास पाशा, गौहर काजमी आदि शामिल रहे। करैली थाना क्षेत्र के बिसौना गाँव में यौमे सज्जाद का आयोजन किया गया। नजीब इलाहाबादी के संचालन में आमिरुर रिजवी व डॉ रिज़वान हैदर रिज़वी की तकऱीर हुई। नायाब बलयावी व अजहर रिज़वी की पेशख्वानी हुई। हरदोई के सफदर बहिशती इशान कोरालवी, सिकंदर इलाहाबादी हैदर रजा कोरालवी ने खुसूसी नौहा पढ़ा। शुजा मिजऱ्ा व कामरान रिजवी ने सोज व सलाम पढ़ा। अन्जुमन ज़ुलफेकारिया द्वारा आयोजित यौमे सज्जाद में जवानाने हुसैनी, मकदूमियाँ, मजलूमिया, शब्बीरिया व ज़ुलफेकारिया नज पुरदर्द नौहा पढ़ते हुए जुलूस निकाला। शकील अब्बास, शाहिद प्रधान, आसिफ अब्बास अमन, कल्बे अब्बास, इब्ने अब्बास आदि शामिल रहे।