जीका वायरस को लेकर भले ही केंद्र और राज्य सरकार चिंतित हो लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी निश्चिंत हैं. वह मरीज आने का इंतजार कर रहे हैं. उनका कहना है कि मरीज चिंहित होने के बाद ही राहत के कदम उठाए जाएंगे. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी तक एमएलएन मेडिकल कॉलेज में जांच की व्यवस्था नही हो सकी है. वहीं बुखार के मरीजों की जांच के लिए टीमों का गठन भी नही किया गया है.

प्रयागराज (ब्यूरो)। बता दें कि कानपुर में बुधवार को जीका वायरस के 25 मरीज सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। कानपुर से प्रयागराज की कनेक्टिविटी अच्छी होने की वजह से यहां भी संक्रमण की स्थिति बनी हुई है। अगर एक भी संक्रमित यहां आ गया तो उसके जरिए दूसरों को जीका वायरस संक्रमित कर सकता है। बावजूद इसके अभी तक एमएलएन मेडिकल कॉलेज में जांच की व्यवस्था नही की गई है। जबकि यहां की माइक्रो बायलाजी लैब में जांच की पूरी व्यवस्था है। केवल किट का इंतजार है। बावजूद इसके बताया जा रहा है कि सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे जाएंगे। वहां की रिपेार्ट आने के बाद ही जीका वायरस की पुष्टि हो सकेगी।

बाद में बनाई जाएंगी टीमें
हाल ही में दस्तक अभियान खत्म हुआ है। इसमें घर-घर बुखार चेक कराने की टीमें बनाकर सघन अभियान चलाया गया था। इसके बाद सब खत्म हो गया। अब जीका वायरस की दस्तक हुई है। ऐसे में बताया जा रहा है कि आशाओं की टीमें बनाकर डोर टू डोर फीवर जांचने की टीम बनाई जाएगी। जिस तरह के आसार चल रहे हैं अब तक टीमों का गठन हो जाना चाहिए था। लेकिन विभाग का कहना है कि मरीज सामने आने के बाद टीमों का गठन किया जाएगा। कुल मिलाकर जीका वायरस की जांच और रोकथाम के प्रयास मरीज सामने आने के बाद ही शुरू किए जा सकेंगे।

सेम कंडीशन में फैलता है जीका
जिस प्रकार से डेंगू फैलता है ठीक उसी प्रकार से जीका वायरस भी फैलता है। इसे भी एडीज मच्छर फैलाता है। यह मच्छर घर में एकत्र साफ पानी और गंदगी में पनपता है। इसका मरीज सामने आने के बाद पैराथ्रन और एंटी लार्वा दवा का छिड़काव किया जाता है। अधिकारियों के पास कुल मिलाकर यही तर्क है जो वह दे रहे हैं। यही कारण है कि वह निश्चिंत हैं। लेकिन एक बार रोग के संक्रमण होने के बाद उसे रोकना डेंगू की तरह ही मुश्किल हो सकता है।
किस तरह से फैल सकता है जीका
अगर कोई संक्रमित मूवमेंट कर रहा है और उसे किसी मच्छर न काट लिया तो इस मच्छर के जरिए दूसरों में जीका का संक्रमण हो सकता है। क्योंकि जो भी मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटेगा तो वह भी चपेट में आ जाएगा। इसी तरह संक्रमित व्यक्ति अगर किसी से असुरक्षित यौन संबंध बनाता है तो वह भी जीका से इंफेक्टेड हो जाएगा। संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आने से भी जीका वायरस संबंधित को प्रभावित कर सकता है।
कानपुर में मरीज मिले हैं लेकिन प्रयागराज में एक भी केस सामने नही आया है। सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे जाएंगे। हालांकि अभी तक एक भी मरीज नही मिला है। संक्रमित आया तो फिर आशाओं की टीमों का गठन कर सघन जांच अभियान चलाया जाएगा।
आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज

Posted By: Inextlive