आखिर क्या मजबूरी थी जो इस की तरह की लापरवाही बरतने पर मजबूर होना पड़ा. मामला मऊआइमा में आयोजित संत निरंकारी मिशन के ब्लड डोनेट शिविर का है. यहां पर एक दिव्यांग की ब्लड देते हुए तस्वीर वायरल हो रही है. जिसमें दिख रहा है कि दिव्यांग की खून की थैली वेट मशीन के बजाय जमीन पर रखी गई है. ऐसे में उसके शरीर से कितना ब्लड निकाला गया यह समझ नही आ रहा है. हालांकि इस मामले में सभी अपना पल्ला झाडऩे में लगे हुए हैं.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। संत निरंकारी के ब्लड डोनेशन कैंप में एसआरएन अस्प्ताल ब्लड बैंक की टीम को लगाया गया था। इसमें एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें दोनों पैर से दिव्यांग युवक डोनेशन कर रहा है। नियम बताते हैं कि ब्लड की थैली में निर्धारित मानक के हिसाब से 350 ग्राम ब्लड निकाला जाता है। इसके लिए थैली को वेट मशीन पर रखा जाता है। लेकिन इस लापरवाही में यह चीज स्पष्ट नही हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि दूसरे रक्तदाताओ ं केसाथ भी यही लापरवाही हुई लेकिन मौके पर मौजूद ब्लड बैंक की टीम ने रोक नही लगाई। उनकी आंखों के सामने यह सब होता रहा।फोटो खिचवाने में हुई गफलत


इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि 24 जुलाई को यह कैंप मऊआइमा में लगा था। जिसमें 86 यूनिट ब्लड दिया गया था। जो फोटो वायरल हुई है वह केवल फोटो खीचवाने का मामला था। इसमें जरा भी सच्चाई नही है। क्योंकि हमारी ओर से वेट मशीन टीम को उपलब्ध कराई गई थी। इस तरह की गलती की गुंजाइश नही है। ब्लड डोनेशन के लिए निर्धारित मानक- दो बार ब्लड देने के बीच में तीन माह का गैप है जरूरी।

- बॉडी में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12 ग्राम से कम नही होनी चाहिए।

- उम्र 60 साल से अधिक नही होनी चाहिए।- शराब नही पी हो और चार माह के भीतर टैटू न गोदवाया हो।- एक बार में 350 ग्राम ही ब्लड निकाला जा सकता है।- बुखार, खांसी या फ्लू होने पर भी ब्लड नही देना चाहिए।

ब्लड डोनेशन कैंप हमारे हॉस्पिटल परिसर में नही हुआ है। यह मऊआइमा में किया गया था। किसी ने कोई शिकायत दर्ज नही कराई है। यह केवल फोटो खिचवाने के लिए किया गया है। ब्लड पहले ही डोनेट किया जा चुका है।डॉ। वत्सला मिश्रा, एचओडी, पैथोलाजी विभाग एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

Posted By: Inextlive