घरों में घुसा पानी, बाढ़ पीडि़तों के लिए खोला गया शेल्टर
प्रयागराज ब्यूरो ।
गंगा-यमुना में उफान आने से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। खासकर बघाड़ा और सलोरी से लगे कछार एरिया में गुरुवार सुबह गंगा का पानी घरों में घुस गया। इसके देखते हुए जिला प्रशासन ने तत्काल एनी बेसेंट स्कूल शेल्टर को बाढ पीडि़तों के लिए खोल दिया। उधर, बदरा सोनौटी और कचरी पनासा संपर्क मार्ग पर नदियों का पानी भर जाने से वहां नाव चलाने की नौबत आ गई। इस बीच हजारों नाविकों की रोजी रोटी भी संकट में आ गई है। प्रशासन की ओर से एहतियातन बाढ़ आपदा कंट्रोल रूम भी शुरू करा दिया गया है।
नावों के जरिए शुरू हुआ आवागमन
नदिया के उफान के चलते झूंसी-गारापुर मार्ग बाढ़ के पानी से मार्निंग में डूब गया। इसके अलावा बदरा सौनोटी, कचरी पनासा मार्ग पर भी बाढ़ का पानी भर जाने से क्रमश: तीन व एक नाव चलाई गईं। मलावां खुर्द व मलावां बुजुर्ग, हेतापट्टी, कोतारी, शेरडिह व पूरे सूरेदास गांव में भी बाढ़ ने लोगों को परेशान कर दिया। कई जगह पर नाव चलाने की मांग की गई। अधिकारियों ने मौके पर जाकर इसका निरीक्षण भी किया।
बाढ़ पीडि़त मांग सकते हैं सहायता
बाढ़ पीडि़तों की सहायता के लिए जिला प्रशासन ने कंट्रोल की स्थापना की है। जिसमें शिफ्ट वाइज मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। इनमें तीन शिफ्टों में कलेक्ट्रेट के एक कर्मचारी के साथ दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी रहेंग। अन्य तहसीलो में भी कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।
0532-2641577, 0532-2641578
बाढ़ नियंत्रण कक्ष
9450105231
टोल फ्री नंबर 1077
60 मोटर बोट बाढ़ से निपटने के लिए लगाई गई
750 नावों की भी व्यवस्था की गई
1.03 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया
हरिद्वार बैराज से
57.54 हजार क्यूसेक नरौना बैराज से छोड़ा गया पानी
2.51 लाख क्यूसेक पानी कानपुर बैराज से गंगा में छोड़ा गया
माथे पर छाई चिंता की लकीरें
बाढ़ से आम आदम ही नही बल्कि नाविक भी परेशान हो रहे हैं। उनका कहना है कि नदियों में उफान आने से उनकी रोजी रोटी प्रभावित होती है। दो हजार से अधिक नाविकों को बाढ़ में बेरोजगार होना पड़ता है। बता दें कि वर्तमान में संगम स्थित बड़े हनुमानजी मंदिर तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। उधर गंगा के कछार में भी बाढ़ लगातार बढ़ रही है। ऐसे में नाविकों को नाव चलाने की अनुमति नही दी गइ्र है।
दो दिन बाद फिर कहर बरपाएगा पानी
गुरुवार शाम चार बजे तक गंगा का जलस्तर तीन सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था। वहीं यमुना में प्रति घंटे 5 सेमी पानी घटने लगा था। इससे लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं जानकारी के मुताबिक गुरुवार को हरिद्वार बैराज से 1.03 लाख, नरौना बैराज से 57.54 हजार और कानपुर बैराज से 2.51 लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है। यह अगले दो दिन में प्रयागराज पहुंचेगा। इसके आने के बाद फिर से नदियां उफान पर आ सकती है। यही कारण है कि प्रशासन ने जल पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और गोताखोरों को एलर्ट मोड पर लगा दिया है।