PRAYAGRAJ: गांवों में अवैध रूप से बनाई जा रही कच्ची शराब होली के रंग को भंग कर सकती है। पर्व के मद्देनजर जिले में शराब बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इस शराब में जो चीजें मिश्रित की जा रही हैं वह जहरीली है। नशे को बढ़ाने के लिए इसमें यूरिया, लता की पत्तियों के अर्क सहित तमाम चीजें भी मिला रहे हैं। इससे यह शराब सेहत के लिए उतना ही खतरनाक है जितना कि श्लो प्वाइजन। इसे पीने से न सिर्फ लीवर आदि खराब होंगे, बल्कि ज्यादा मौत भी हो सकती है। यही सारी वजह है कि पुलिस इस अवैध शराब के खिलाफ अभियान में जुटी है। रविवार को देर शाम तक दर्जनों लोग विभिन्न थानों में कच्ची शराब संग पकड़े गए।

शराब पिलाते हैं या जहर

जानकार बताते हैं कि कच्ची शराब बनाने में मुख्य रूप से सड़ा गला गुड़ का शीरा या कई दिनों तक पानी में सड़ाए गए महुए की जरूरत होती है। इसे नशीली बनाने के लिए ज्यादातर सौदागर इसमें नौसादर, यूरिया, धतूरे के बीज तक मिश्रित कर देते हैं। कहते हैं कि इससे तैयार की गई शराब महुआ या गुड़ से बनाई जाने वाली शराब से ज्यादा नशीली होती है। मिश्रित की गई चीजें एक निश्चित मात्रा से अधिक होने पर जान का भी खतरा होता है। होली का पर्व नजदीक देखी ऐसी ही कच्ची शराब बनाने का काम इन दिनों शहर के आसपास व दूरदराज के गांवों में कुछ लोग तेजी से कर रहे हैं। बनाई जाने वाली इस शराब को डंप कर वे होली पर खपाने के प्लान में हैं। इनकी इसी प्लानिंग को तोड़ने और शौकीनों को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस एक्टिव हो गई है। इस शराब के सौदागरों को जिले की पुलिस खोज-खोजकर पकड़ने में जुटी हुई है। रविवार की शाम करीब पांच बजे तक जिले के 11 थाना क्षेत्रों में एक हजार 265 लीटर शराब के साथ 45 लोग पकड़े गए।

देर शाम तक चली थानावार कार्रवाई

थाना शराब अभियुक्त

धूमनगंज 60 लीटर 03

औद्योगिक क्षेत्र 150 लीटर 05

फाफामऊ 50 लीटर 01

सोरांव 70 लीटर 07

थरवई 120 लीटर 05

नवाबगंज 60 लीटर 03

करछना 415 लीटर 08

शंकरगढ़ 260 लीटर 06

कौंधियारा 50 लीटर 04

सरायइनायत 20 लीटर 02

उतरांव 10 लीटर 01

पर्व के मद्देनजर थानों में पीस कमेटी की बैठकें की जा रही हैं। शराब आदि को लेकर एक अभियान के रूप में सख्त चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं। अवैध शराब बेचने या बनाने वाले बक्शे नहीं जाएंगे।

सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, डीआईजी/एसएसपी प्रयागराज

Posted By: Inextlive