मेडिकल कॉलेज कैंपस में वार्ड ब्वाय की हत्या
प्रयागराज (ब्यूरो)। मेडिकल कॉलेज कैंपस में पंकज पटेल को चार महीने पहले ही आवास मिला था। पत्नी व बच्चों संग यहां पर रहता था। कुछ हफ्ते पूर्व पंकज दोस्त गोलू गांव नवाबगंज गया था। वहां से लौटते समय हुए हादसे में पंकज का पैर टूट गया था। पैर टूटने के कारण प्लास्टर चढ़ गया। इससे वह खुद बाइक नहीं चला पाता था। उसकी इस मजबूरी में गोलू और भी समय उसे देने लगा था। होली के कुछ दिन पूर्व पत्नी कुसुम दोनों बेटियों संग मायके चली गई थी। कुसुम ने बताया कि 17 मार्च को पंकज दोस्त गोलू के साथ बाइक से ससुराल गया था। रात में दोनों वहीं पर रुके थे। सुबह 18 मार्च की सुबह करीब आठ बजे दोनों वहां से लौटे और मेडिकल कॉलेज परिसर के आवास में आ गए। इसके बाद 19 मार्च को वह पति पंकज के पास कई दफा फोन की। मगर उसका फोन नहीं उठा। इस पर काफी परेशान होने लगी। परेशान कुसुम ने 20 मार्च रविवार को गोलू के पास फोन करके आवास पर पति के पास देखने के लिए फोन की। उसकी कॉल पर गोलू उसके आवास पर पहुंचा। गोलू जब पहुंचा तो दरवाजा बंद था, मगर कुंडी खुली हुई थी। जैसे ही वह पुश किया दरवाजा खुल गया। अंदर जाकर देखा तो मंजर देखकर उसके रोंगटे खड़े हो गए। पंकज का गला धारदार हथियार से रेता गया था। बॉडी सोफे पर पड़ी हुई थी। ब्लड सोफा से लेकर जमीन तक फैला हुआ था। पंकज के कत्ल की बात जब गोलू ने उसकी पत्नी को बताई तो वह चीख पड़ी। खबर मिलते ही रोते बिलखते पत्नी व परिजन मौके पर पहुंचे। जानकारी हुई तो सीओ कर्नलगंज और इंस्पेक्टर जार्जटाउन भी पहुंच गए। पुलिस की छानबीन में आवास के आगे वाले रूम में रखे बड़े बॉक्स के ऊपर शराब की दो बोतल मिली व गिलास और पानी आदि मिले हैं। बोतलें खुली हुई थीं। इस कमरे से सटा हुआ एक और कमरा है जिसमें घटना हुई है। पुलिस इस रूम में पहुंची तो सोफा के पास एक मेज पर रखी हुई दो गिलास मिली। मतलब यह कि शराब पंकज अकेले नहीं पिया था। उसके साथ कोई एक शख्स और भी था। अब वह गोलू है या कोई और यह बात पुलिस की जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
दीवार तक पर पड़े थे खून के छीटेपुलिस की छानबीन में यह तथ्य भी प्रकाश में आए हैं कि बिखरा हुआ ब्लड काफी हद तक सूखा हुआ था।
ऐसे में माना यह जा रहा कि उसकी हत्या 18 मार्च की रात ही की गई होगी। इसी दिन सुबह वह ससुराल से दोस्त के साथ लौटा भी था। क्राइम एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि हत्या 19 मार्च की रात हुई होती तो ब्लड इतना सूखा हुआ नहीं होता। पंकज के चेहरे पर भी धारदार हथियार से प्रहार किए गए थे। कातिल के द्वारा एक दो नहीं बल्कि कई वार वह भी बेरहमी के साथ किए गए थे। शायद यही वजह थी कि ब्लड के छीटे दीवार तक पर पड़े थे। हालांकि स्पॉट पर पुलिस को धारदार हथियार नहीं मिले हैं। बाकी शराब की बोतलें व गिलास आदि को फोरेंसिक कब्जे में ले लिया है। उस सरकारी आवास को भी सील कर दिया गया है जिसमें यह घटना हुई थी।