साइबर वर्ल्ड में अफजल 'वार'
- जेएनयू के वाकये के बाद से सोशल साइट्स पर लगी हुई है आग
- जमकर भड़ास निकाल रहे लोग, कोस रहे विरोधियों को ALLAHABAD: संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ जेएनयू से भड़की आग साइबर वर्ल्ड तक फैल गई है। फांसी के खिलाफ आवाज उठाने वालों को सड़कों पर तो कोसा जा ही रहा है, सोशल साइट्स पर भी लोग जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। फांसी की मुखालिफत करने व पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों को आड़े हाथों लिया जा रहा है। ऐसे लोगों को देश से बाहर करने व कड़ी सजा देने जैसी मांगे भी शुरू हो गई हैं। जितने नेता कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं, उनको देशद्रोही जैसे शब्दों से नवाजा जा रहा है। चार दिन से गर्माया है मामलाजेएनयू में भारत विरोधी व 'कितने अफजल मारोगे, हर घर से अफजल निकलेगा' जैसे नारों पर टीवी चैनल्स पर तो बहस छिड़ी ही हुई है, उसकी आंच सोशल साइट्स पर भी महसूस की जा रही है। फेसबुक व वाट्सएप के जरिए लोग देश विरोधी बात करने वालों को मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं। पॉलिटिकल पार्टियों की मंशा पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि संसद पर हमले की घटना एनडीए के शासन में हुई, सुनवाई यूपीए के शासन में हुई, सजा के वक्त केंद्र में यूपीए सरकार थी और जब फांसी दी गई तब भी उसी की सरकार थी। इस मौके को अब उठाने और उसको हवा देने के पीछे की मंशा पर भी कुछ संगठनों और पार्टियों को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है।
इस तरह के कमेंट - तुम अफजल का गुण गाते हो, जिस देश में जन्म लिया, उसको दुश्मन बतलाते हो। -भाषा की कैसी आजादी जो तुम भारत मां का अपमान करो, अभिव्यक्ति का यह कैसा रूप जो तुम देश की इज्जत को नीलाम करो। - सुनो जेएनयू के गद्दारों हम न हिम्मत हारेंगे। तुम लाखों अफजल पैदा करो, हम चुन चुन कर मारेंगे। - जेएनयू का नारा 'तुम कितने अफजल मारोगे, घर-घर से अफजल निकलेगा इनपर छिड़ी बहस फेसबुक व्हाटसऐप टवीटर ----------------- बॉक्स इशरत पर भी घेराबंदीलश्कर के आतंकी दाऊद गिलानी उर्फ डेविड कोलमैन हेडली के इशरत जहां को फिदायीन बताने के बाद से सोशल साइट्स पर रार मची हुई है। जिन्होंने उसे निर्दोष बताया, बिहार की बेटी बताया, उसके एनकाउंटर को फर्जी बताया, उनसे फेसबुक व वाट्सएप पर जवाब मांगा जा रहा है। एनकाउंटर के मामले में जेल में रहे तत्कालीन डीआईजी डीजी बंजारा का गुणगान शुरू हो गया है और इशरत को लेकर आंसू बहाने वालों से सवाल पूछे जा रहे हैं। आईबी के पूर्व निदेशक राजेंद्र कुमार की ओर से मोदी को फंसाने के लिए लालच देने के बयान आने के बाद से भी यूपीए व कांग्रेस की फेसबुक पर आलोचना हो रही है।