संगम पहुंचकर स्नान करने के लिए बुजुर्ग के साथ युवाओं में भी दिखा क्रेज

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PRAYAGRAJ: मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने के लिए बुजुर्गो के साथ युवाओं में भी उत्साह रहा। जहां एक तरफ गंगा मइया का आशीर्वाद लेने के लिए बुजुर्गो को कई किमी पैदल चलना भी मंजूर रहा। युवाओं में मौनी अमावस्या का स्नान पुण्य अर्जित करने के साथ आउटिंग का भी रहा। बस्ती से संगत तट पर स्नान करने आयी बुजुर्गो की एक टोली ने बातचीत के दौरान बताया कि वह कई सालों से हर बार मौनी अमावस्या पर स्नान करने के लिए संगम आते हैं, जहां तक पैदल चलने की बात है तो किसी भी देव स्थान पर जाते समय रास्ते में जितना भी कष्ट सहकर यानी तप करके दर्शन या स्नान करते हैं। उतना ही पुण्य लाभ मिलता है।

साल भर बाद आउटिंग का मौका

प्रयागराज में अलग-अलग जिलों व राज्यों से आकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं की एक टोली ने बताया कि लास्ट इयर कोरोना की शुरुआत के बाद आउटिंग का मौका नहीं मिला। वहीं अब कोरोना को लेकर कुछ स्थिति नार्मल हुई तो सोचा गंगा मइया का आशीर्वाद लेने के साथ घूम-टहल लेंगे। यही सोचकर हमलोगों ने प्लानिंग की और निकल पड़े संगम की ओर। जहां तक वाहन से आने- जाने की है तो टाइम बचाने के लिए इसको यूज कर रहे है। क्योंकि अभी कोचिंग भी जाना है। पैदल आते और जाते तो थकान भी होती और समय भी काफी लग जाता है। ऐसे में ई रिक्शा से संगम की ओर जाने वाली रोड तक चले गए।

पुण्य कमाने आए हैं, इसलिए पैदल ही संगम की ओर जा रहे हैं। वैसे भी थोड़ा रास्ता ही तो गाड़ी जाने देते है। फिर तो पैदल ही चलना होगा।

बरसाती, अयोध्या

इतना पैसा कहां है, बहुत पैसा मांग रहे है। इतने में तो धीरे-धीरे संगम पहुंच जाएंगे।

रामतौल, बस्ती

भैया हर बार ऐसे ही बस स्टैंण्ड से संगम जाते है। कई लोग साथ में रहते हैं, इसलिए रास्ता का पता नहीं चलता।

मुसाफिर, बस्ती

कई साल से आ रहे है। गांव के कई लोग साथ में होते है। इसलिए सब पैदल ही चलते है। पुण्य भी तो कठिन साधना से मिलता है।

रमेसर देवी, बस्ती

देव स्थान पर जाओ तो कभी आराम न देखो, जितना तप करेंगे। उतना ही पुण्य मिलेगा। वैसे भी सब साथ में रहते है तो रास्ता कब गुजर गया पता नहीं चलता है।

हर नारायण, बहराईच

हम युवा है तो क्या हुआ। पुण्य तो हमें भी कमाना है। आखिर सफलता के लिए मेहनत के साथ आशीर्वाद भी चाहिए।

सुधांशु सिंह, यूपी एसआई

दोस्तों के साथ चले आए, ऐसे में पुण्य भी कमा लिए और काफी समय बाद घूमना भी हो गया।

दिवाकर श्रीवास्तव,

यहीं पर रहकर तैयारी कर रहे है। ऐसे में मौनी अमावस्या का स्नान भी कर लिए। भगवान का आशीर्वाद भी बहुत जरूरी है।

रजनी कांत उपाध्याय

दोस्तों के साथ कोरोना की शुरुआत से लेकर अब तक मस्ती और आउटिंग नहीं हुई थी। लोगों को देखा तो बस प्लान बना लिया।

अमित कुमार सिंह

पुण्य कमाने से मन्नत पूरी होती है। एनडीए की तैयारी के लिए मुजफ्फरपुर से आए है। इसलिए मौनी अमावस्या पर स्नान का पुण्य कमाने निकल पड़े है।

नैनीष राज पाण्डेय

Posted By: Inextlive