शहर में ऐसे एक नहीं बल्कि लगभग छह दर्जन जर्जर मकान है जिनको नगर निगम द्वारा नोटिस जारी किया जा चुका है. लेकिन इन मकानों को लोग खाली करने को तैयार नही हैं. ऐसे में इन मकानों को गिराने की कार्रवाई नही हो पा रही है और सैकड़ों जिंदगियों पर लगातार मौत मंडरा रही है. इसी तरह मुट्ठीगंज के हटिया इलाके मं गिरे जर्जर मकान को समय रहते ध्वस्त करा दिया गया होता तो पांच लोगों की मौत न होती. हालांकि इस मामले में लापरवाही किसकी है यह बाद में पता लगेगा.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर में बड़ी संख्या में जर्जर मकान हैं। नगर निगम ने इनमें से तकरीबन 70 मकानों के मालिकों को नोटिस भेजा है। ये मकान जोन एक में नुरुल्ला रोड, अटाला, करेली, शहराराबाग, अकबरपुर, नखास कोहना, खुशरूबाग, बेनीगंज, चकिया, सुल्तानपुरभावा, सरायगढ़ी, बख्शी बाजार, दरियाबाद, जोन दो में मु_ीगंज, रामबाग, बहादुरगंज, अतरसुइया, जोन चार में कीडगंज, खलासी लाइन, चौखंडी, दारागंज, बख्शी खुर्द एंव आजाद स्क्वायर इलाकों में स्थापित हैं। इनमें सैकडृों की संख्या में लोग रह रहे हैं।नगर निगम को कराना होता है खाली


जर्जर मकानों को नोटिस जारी कर खाली कराने और ध्वस्त कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है। अब तक निगम की ओर से लगभग 70 मकानों को नोटिस दिया गया है। लेकिन इन्हें किन्ही कारणों से खाली नही कराया जा सका है। बताया जाता है कि कई मकानों में संपत्ति का विवाद है तो कुछ मकानों का मामला न्यायालय में विचाराधीन हैं। इनमें लंबे समय से किराएदारी पर लोग रहते आ रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि यह जर्जर मकान अगर ध्वस्त होते हैं तो जान-माल की हानि होने पर लापरवाह किसे माना जाएगा। ऐसे विवादित मामलों से नगर निगम भी हाथ डालने से बचता है। लेकिन ऐसे हादसों में जान माल की हानि होती है।

मु_ीगंज हटिया चौराहा पर जिस मकान का बारजा गिरा है उसमें किरायेदार और मकान मालिक के बीच विवाद चल रहा था। किरायेदार से मकान खाली करने को भी कहा गया था लेकिन उसने खाली नहीं किया। ऐसे अन्य मकान जिनमें नोटिस जारी हो चुकी है, उनमें प्रयास किया जा रहा है कि न्यायालय से वादों का निस्तारण जल्द हो ताकि उन्हें गिरवाया जा सके।सतीश कुमार, चीफ इंजीनियर नगर निगम प्रयागराज

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