हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की रेफरेंडम कमेटी की पहल पर लाइब्रेरी हाल में 10 बजे से शुरू होगी वोटिंगतीन दिन तक चलेगी वोटिंग की प्रक्रिया उपाध्यक्ष समेत दर्जनों ने किया वोटिंग के बहिष्कार का ऐलानइलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के बाईलाज में प्रस्तावित संशोधन के लिए गठित रेफरेंडम कमेटी की ओर से बुधवार से तीन दिवसीय मतदान प्रक्रिया शुरू हो रही है. मतदान लाइब्रेरी हाल में सुबह 10 बजे से शाम 4.30 बजे तक चलेगा. इस दौरान मतदान से जुड़े सभी निर्देश नोटिस बोर्ड और हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की अधिकृत वेबसाइट पर दिखाई देंगे. रेफरेंडम कमेटी के सदस्य सोम नारायण मिश्र ने बताया कि मतदान के संबंध में सभी निर्देश बार एसोसिएशन की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. उधर प्रस्तावित बाइलाज और वोटिंग के बहिष्कार में वकीलों का बड़ा धड़ा खड़ा हो गया है. उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह यादव के नेतृत्व में इन धड़े ने वोटिंग का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

प्रयागराज ब्यूरो, मतदाता, मतदेय स्थल पर संशोधित बाईलॉज की प्रति देखकर विचार कर सकते हैं और उस पर अपने वोट के जरिए सहमति अथवा असहमति व्यक्त कर सकते हैं। मतदान करने के बाद स्थल छोड़ देना होगा। कमेटी की ओर से मतदान स्थल की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। मतदान स्थल पर किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न करने पर बाईलॉज के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। मतदान तीन दिनों तक यानी 21 अक्तूबर तक लगातार चलेगा। इसके लिए कमेटी की ओर से विशेष दिशा निर्देश भी जारी किया गया है। मतदान के लिए अधिवक्ताओं को अपना पहचान पत्र (आइडेंटी कार्ड) भी साथ में लाना होगा। मंगलवार को दिन में कमेटी के सदस्य बैलेट पेपर तैयार कराने से लेकर अन्य तैयारियां करते नजर आएं। बार के पदाधिकारी भी तैयारी में लगे रहे। इस मौके पर कमेटी के अन्य सदस्य अधिवक्ता सुरेश चंद्र द्विवेदी, महेंद्र बहादुर सिंह, शैलेन्द्र सिंह राठौर व रचना दूबे मौजूद रहीं।

उपाध्यक्ष ने किया बहिष्कार का ऐलान
इलाहाबाद हाई कोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी भी बाइलाज में संशोधन को लेकर एक मत नहीं हैं। उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह यादव की तरफ से जारी की गयी रिलीज में इसकी पुष्टि की गयी है। रिलीज में दावा किया गया है पूर्व अध्यक्ष और महासचिव समेत हजार से अधिक अधिवक्ताओं का समर्थन इन प्रस्तावों को प्राप्त है। इसमें निम्न मांगें उठायी गयी हैं।
जनरल हाउस बुलाया जाय। संशोधन प्रस्ताव पर मतदान का बहिष्कार करेंगे
एल्डर कमेटी के सामान्य अधिकारों के हनन के कारण अध्यक्ष महासचिव की निरंकुशता को रोके जाने का प्रावधान नहीं है जो सर्वथा अनुचित है
गवर्निंग काउंसिल के अधिकारों को दो अंगों में विभाजित कर हाउस आफ रीप्रजेंटेटिव व एक्सक्यूटिव काउंसिल बनाया गया किन्तु सबका मालिका एक अध्यक्ष को ही माना गया जो अध्यक्ष महोदय को अति निरंकुश शक्ति प्रदान करता है जो वैधानिक दृष्टिकोण से गलत है
डेथ क्लेक मेडिकल क्लेम की समायानुरूप निस्तारण किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है जिससे कार्यकारिणी की मनमानी कार्यवाही को बढ़ावा मिल सकता है एवं निरंकुशता बढ़ेगी जो सर्वथा अनुचित है
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के मतदान प्रक्रिया को हतोत्साहिक करता है ऐसे प्रावधान बार एसोसिएशन की प्रस्तावित नियमावली से पूर्णतया विलुप्त किये जाने चाहिए
आज का प्रत्यावेदन हाई कोर्ट बार कार्यालय में रिसीव करवाये जाने पर कार्यालय अधीक्षक ने रिसीविंग देने से इंकार कर दिया जो सर्वथा गलत है


दिवंगत वकीलों के छायाचित्र का अनावरण 22 को
इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पुस्तकालय हाल में 22 अक्टूबर को दिवंगत अधिवक्ताओं के छायाचित्र का अनावरण किया जाएगा। प्रोग्राम में चीफ गेस्ट के रूप में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कृष्ण मुरारी और स्पेशल गेस्ट के रूप में जस्टिस विक्रमनाथ मौजूद रहेंगे। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा और महासचिव एसडी सिंह जादौन ने बताया कि दोनों जस्टिस द्वारा पूर्व महाधिवक्ता, बार काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष रहे विनय चंद्र मिश्र, पूर्व महाधिवक्ता एसपी गुप्ता, बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष बीके श्रीवास्तव सहित कई अधिवक्ताओं के छायाचित्र का अनावरण किया जाएगा। प्रोग्राम सुबह 11 बजे शुरू होगा।

Posted By: Inextlive