- प्रत्याशियों के लिए आसान नहीं है बड़े वार्डों में चुनाव जीतना


प्रयागराज ब्यूरो । - कहने को जनसंख्या में बड़े वार्ड हैं। प्रत्याशी भी अपनी हार जीत को लेकर निश्चिंत हो गए थे। उन्हें पता था कि पचास से साठ फीसदी के बीच वोटिंग होने पर जीत सुनिश्चित हो सकती है। लेकिन चार मई को निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद परिस्थितियां अधिक खतरनाक हो गई है। कोई भी प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर बेफिक्र नही है। हो भी क्यों ना, नगर निगम के तमाम 15 हजार से अधिक वोटर वाले वार्डो में 30 फीसदी से अधिक वोटिंग नही हुई है। यह दावेदारेां के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। आंकड़ों ने उड़ा दी रातों की नींद


चार मई को नगर निगम चुनाव का मतदान था। 15 लाख से अधिक वोटर्स को सौ वार्डों में अपने मतों का प्रयोग करना था। लेकिन 11 घंटे की वोटिंग के बाद महज 31 फीसदी ही वोटिंग हुई। ऐसे में वह वार्ड जहां की जनसंख्या निर्धारित मानक 15 हजार से अधिक थी, वहां बड़े उलटफेर के आसार नजर आ रहे हैं। क्योंकि इन वार्डों में 30 फीसदी से अधिक वोट नही पड़े हैं। ऐसे में वह प्रत्याशी जिन्हे लगता था कि हमारे इतने वोट तो एकदम पक्के हैं, उनकी सोच को गहरा धक्का लगा है।

इन वार्डों ने किया सबसे ज्यादा निराशवार्ड का नाम कुल वोटर्स पड़े प्रतिशत वोटसुलेम सराय 21344 22चाका 18817 27म्योराबाद 15819 25झूलेलाल नगर 22एलनगंज 21848 24मधवापुर 18408 28बाघम्बरी हाउसिंग स्कीम 20950 20नैनी ददरी 32090 36आजाद स्क्वायर 17943 23मिन्हापुर गढ़ीकला 20886 21

नई बस्ती 19015 26टैगोर टाउन 20825 25न्याय मार्ग क्षेत्र 18355 16मालवीय नगर 17302 20शाहगंज गढ़ीसराय 24419 30शम्सनगर 30486 27अटाला 29204 30

वोटर्स को नहीं लुभा सके प्रत्याशीकम वोटिंग परसेंटेज को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि इसके जिम्मेदार खुद प्रत्याशी हैं। पहले वार्डों का चुनाव व्यक्तिगत व्यवहार पर होता था। जो प्रत्याशी वोटर्स के व्यवहारिक रूप से नजदीक होता था, उसे जनता वोट देती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब वार्ड चुनाव भी अब पार्टी सिंबल पर लड़े जा रहे हैं। ऐसे में जनता उन पर विश्वास नही कर रही है और वोट परसेेंटेज कम होता जा रहा है। पब्लिक को प्रत्याशियों की हार जीत से भी अधिक मतलब नहीं है। इसलिए वह वोट देने भी नही जा रही है।
इन बूथों की वजह से खराब हुई छविदेखा जाए तो इन वार्डों में कम वोटिंग के लिए उनके बूथ भी जिम्मेदार हैं। ऐसे बूथ भी रहे जिनमें दस फीसदी भी वोटिंग नही हुई। इसकी वजह से बाकी बूथों का परसेंटेज भी खराब हो गया है। सुलेमसराय में बूथ नंबर 14 में 10 फीसदी, चाका के बूथ नंबर 180 में 8 फीसदी, मिन्हाजपुर के 693 नंबर बूथ पर 6.17 फीसदी, बाघंबरी हाउसिंग स्कीम के 413 नंबर बूथ पर 8.62 फीसदी, न्याय मार्ग क्षेत्र के 795 नंबर बूथ पर 8.79 फीसदी, मालवीय नगर के 987 नंबर बूथ पर महज 7 फीसदी और आजाद स्क्वायर के 482 नंबर बूथ पर 6 फीसदी पड़े इसके बड़े जिम्मेदार रहे। इसी तरह अन्य बूथों पर भी वोटिंग का प्रतिशत ठीक नहीं रहा। अधिकारियों का कहना है कि वार्डों में कम हुई वोटिंग का पता लगाया जाएगा।

Posted By: Inextlive