डेंगू फैलाने में गांव से अधिक शहर के लोग जिम्मेदार हैं. क्योंकि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर के घरों में कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई है. शहर के 60 हजार घरों में सर्वे के दौरान यह सामने आया कि लोगों को बार-बार कहने के बावजूद उनके घरों में डेंगू का लार्वा पनपने की स्थितियां बनी हुई हैं. इसकी वजह से लगातार नए मरीज सामने आ रहे हैं. वही ग्रामीण एरिया में शहर के मुकाबले लोगों ने पानी को एकत्र होने से बचने की कोशिश की है.


प्रयागराज (ब्यूरो)।इस साल बाढ़ का पानी उतरने के बाद ही डेंगू के मच्छर पनपने लगे थे। ऐसे में लोगों को मलेरिया विभाग की ओर से लगातार जागरुक किया जा रहा था। उनको कहा जा रहा था कि गमले, टायर, पुराने कूलर आदि एरिया में साफ पानी को एकत्र न होने दें। ऐसे में 60 हजार घरों का शहर में सर्वे किया गया और 40 फीसदी घरों में डेंगू पनपने की स्थितियां साफ नजर आईं। इसको लेकर संबंधित घर मालिकों को समझाया गया कि लेकिन तब तक हालात बेकाबू हो चुके थे। इसका परिणाम अभी तक लोग भुगत रहे हैं।कछार एरिया में अधिक दिक्कत


सर्वे में यह भी सामने आया कि छोटा बघाड़ा, सलोरी, राजापुर आदि गंगा किनारे के इलाकों में डेंगू पनपने की संभावना अधिक है। खासकर छोटा बघाड़ा में बने घरों में बेसमेंट अधिक लोगों ने बनवा रखा है। यहां बारिश का पानी भी नही हटाया गया था। इसकी वजह से डेंगू के केसेज यहां ज्यादा पाए जा रहे हैं। इसी तरह गोविंदपुर एरिया में भी गमलों और टायरों में सबसे ज्यादा पानी मिला है। ये एरिया वर्तमान में डेंगू का हाट स्पाट बने हुए हैं।मेडिकल कॉलेज और एसआरएन में गंदगी

सर्वे में पाया गया कि मेडिकल कॉलेज परिसर और एसआरएन कैंपस में गंदगी का साम्राज्य है। इसकी वजह से यहां डेंगू के मच्छर बड़ी संख्या में पनप गए। दोनों स्पाट पर लगातार नए केस सामने आ रहे हैं। ब्वायज और गल्र्स हास्टल के भीतर सफाई की व्यवस्था अच्छी नही है। नालियों में पानी जाम हो चुका है और कूड़े का ढेर हटाया नही जाता है। इसकी वजह से डॉक्टर्स और कर्मचारी डेंगू का शिकार हो रहे हैं।दोगुने से ज्यादा का है अंतरशहर और गांव के बीच डेंगू के केसेज में दो गुने से अधिक का अंतर है। रविवार तक शहर में 264 और गांव में 105 मामले सामने आ चुके थे। सर्वे में ग्रामीण एरिया में लोगों के घरों में कूलर, गमले और टायर आदि चीजों में पानी नही मिला। लोगों ने उसे हटा दिया था। इससे प्रूव होता है कि शहर के लोग जागरुकता से कोसों दूर रहे हैं। जिसकी वजह से तमाम एरिया में रोजाना नए केस मिल रहे हैं।दर्ज है हर घर का हिसाब

इस बार प्रशासन की ओर से एरिया वाइज प्रत्येक घर में टीम भेजकर हालात का जायजा लिया है। जिसमें पाया गया कि किस घर में लार्वा मिले हैं या नहीं। शहर में डूडा की ओर से डोमेस्टिक ब्रीडर चेकर्स और ग्रामीण में आशा व एएनएम को घरों में चेकिंग करने की जिम्मेदारी दी गई है। वहां से प्रत्येक घर की रिपोर्ट मंगाई जा रही है। इसके बाद इन घरों में कॉल करके क्रास चेकिंग भी की जा रही है।

Posted By: Inextlive