वरिष्ठ कवि अजीज जौहरी की ट्रेन की चपेट में आने से मौत
प्रयागराज (ब्यूरो)। कवि अजीज जौहरी गुरुवार देर शाम घर से निकले थे लेकिन फिर वापस नहीं लौटे। कई घंटे तक जब वह नहीं आए तो घरवालों ने उनकी तलाश शुरू की। इसी बीच किसी ने आकर बताया कि घर के पास स्थित रेलवे लाइन पर अजीज जौहरी ही लाश पड़ी है। घरवाले मौके पर पहुंचे। कुछ देर बाद जीआरपी प्रयाग के थाना प्रभारी भी पहुंचे। कवि अजीज जौहरी के परिवार में पत्नी, एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। सभी पुत्रियों का विवाह हो चुका है। 01 अप्रैल 1950 को जन्मे अजीज जौहरी एयरफोर्स के एमईएस विभाग में बतौर गैरिजन इंजीनियर कार्य करते हुए सेवानिवृत्त हुए थे। अजीज जौहरी खासतौर पर देशभक्ति गीत लिखने के लिए जाने जाते थे। 'वतन है जिंदगीÓ और 'खूबसूरत दिन के लिएÓ नामक उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। समय-समय पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। जीआरपी का कहना है कि ट्रेन की चपेट में आने से अब्दुल अजीज जौहरी का निधन हुआ है। उनके पास से कोई सुसाइड सुसाइड नोट नहीं मिला है।