ईद उल फित्र पर शुक्र का सजदा
प्रयागराज (ब्यूरो)। ईद-उल फित्र को अल्लाह का तोहफा करार देते हुए विभिन्न मस्जिदों में बन्दों ने शुक्र का सजदा किया। सफेद कुर्ता पायजामा और सर पर टोपी लगाए लोग सुबहा से ईदगाह व मस्जिदों की ओर कूच कर नमाज ए ईद-उल फित्र अदा करने पहुंचे। सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े दस बजे तक विभिन्न मस्जिदों में अकीदत व ऐहतेराम के साथ नमाज अदा की गई। शहर की सभी छोटी बड़ी मस्जिदों में ओलमा ने नमाज अदा कराने के बाद खुतबे में ईद उल फित्र को अल्लाह की तरफा से तोहफा करार दिया। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे को गले लगा कर ईद की मुबारकबाद पेश कि वहीं कई मस्जिदों में मुस्तकि़ल नमाज़ अदा करने आने वालों को तोहफा भी दिया।
हर बालिग पर फित्रा अदा करना वाजिब
मस्जिद काजी साहब बख्शी बाजार में मस्जिद के इमाम ए जमात मौलाना जवादुल हैदर रिजवी ने अपने ख़ुतबे में कहा की हर बालिग पर फित्रा अदा करना वाजिब है। एक माह में इस्तेमाल होने वाले गेंहू ,चावल या आटा के तीन किलो के हिसाब से नमाज से पहले फित्रा निकालना चाहिये ताकि हमसे कमतर भी ईद मना सकें। अपनी ख्वाहिशात को बालातर कर जरुरतमन्दों की इमदाद करो ताकि हमारे और गरीब ग़ुरबा के बीच फर्क न रहने पाए और वह भी ईद उल फित्र अच्छे से मना सके। ईदगाह, चौक स्थित जामा मस्जिद, चक शिया जामा, मस्जिद रौशन बाग की शाह वसीउल्ला मस्जिद, दायरा शाह अजमल की खानकाह मस्जिद, करैली की अबुबकर मस्जिद, धोबी घाट चौराहा की हरी मस्जिद, दायरे की मस्जिद नूर, अटाला की बड़ी मस्जिद, बैदन टोला की लतर वाली कंगूरे वाली और छोटी मस्जिद, करैली की बीबी खदीजा, इबादतखाना, बैतुस्सलात, फातेमा, मुसल्ला ए जीशान, दरियाबाद की मस्जिद मौला अली, मस्जिद इमाम हुसैन, मस्जिद इमाम रजा, मस्जिद गदा हुसैन सहित शहर की सभी छोटी बड़ी मस्जिदों में कड़े सुरक्षा घेरे के बीच नमाज पढ़ी गयी।
बच्चों को मिले ईद के तोहफे
मस्जिद काजी साहब बख्शी बाजार में नमाज व ख़ुतबे के बाद मस्जिद के मुतावल्ली शाहरुख काजी द्वारा इमाम ए जमात मौलाना जवादुल हैदर रिजवी, मोअज्जिन अमजद हुसैन पप्पू, शहवेज, सैय्यादैन नकवी व अन्जुम मिर्जा को तोहफा भेंट कर सम्मानित किया। उम्मुल बनीन सोसायटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार शाहरुख काजी की ओर से मस्जिद में नमाज अदा करने आए सभी नमाजियों को इत्र लगाकर एक रुमाल भेंट किया गया। मस्जिद नूर दायरा शाह अजमल में इन्तेजामिया कमेटी की ओर से एक माह तक रमजान के दौरान छोटे बच्चों में नमाज रोजा और दीनी सवालात के सही जवाब देने वालों को पुरस्कृत किया गया।
शुक्रवार को ईद के चांद के दीदार की खबर मिलते ही लोगों का एक दूसरे को मौखिक व फेसबुक ट्विटर एमएमएस और वाट्सऐप पर मुबारकबाद देने का संदेश देर रात से शुरु होकर ईद की रात तक जारी रहा। ईद हो और सेंवई की बात न हो तो यह बेईमानी होगी। ईद के साथ सेंवई की मिठास जहां मुस्लिमों को तो भाती ही हैं वहीं बड़ी संख्या में हिन्दू भाई हैं जो ईद की सेंवई के लिए बेताब रहते हैं। मुस्लिमों को भी अपने हिन्दू भाईयों का इस खास दिन पर इंतेज़ार रहता है। सादी दूध वाली सेंवई के अलावा किमामी, शीरब्रंज, ईरानी, मुगली, अफगानी, मुम्बई की मशहूर शीरकोरमा आदि प्रकार की सेंवई का लुत्फ उठाने को लोग दिन भर एक दूसरे के आते जाते रहे। मीठे दही बड़े, बिरयानी कबाब व कोरमा का भी लोगों ने जायका लिया।