मानव जीवन के लिए वैदिक शिक्षा जरूरी
नई शिक्षा नीति 2020 और ब्रज संस्कृति विषयक पर राष्ट्रीय सेमिनार का समापन
prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: ब्रज अकैडमी वृंदावन मथुरा की ओर से नई शिक्षा नीति 2020 और ब्रज संस्कृति विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन हुआ। बायोवेद प्रयाग के कान्फ्रेंस हाल में वर्चुअल मोड में हुए आयोजन के दौरान डॉ चंद्र भूषण चतुर्वेदी, भूतपूर्व शिक्षा सलाहकार प्रदेश सरकार ने आए हुए प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए ब्रज संस्कृति की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा को मानव जीवन के लिए उपयोगी बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए, इसके लिए वैदिक शिक्षा महत्वपूर्ण स्थान रखती है। कहा की वैदिक शिक्षा, आध्यात्मिक चिंतन, हमारा शाश्वत धर्म, शाश्वत ज्ञान, शाश्वत ही रहेगा। डॉक्टर दिनेश चंद्र शर्मा ने नई शिक्षा नीति के विविध पहलुओं की चर्चा की। कहा कि इसमें भारतीय संस्कृति, कला, ज्ञान, धरोहर एवं ज्ञान परंपरा इत्यादि सभी को आत्मसात करना पड़ेगा। शिक्षा की नर्सरी है प्रयागराजएमएनएनआईटी के यांत्रिक अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव ने नई शिक्षा नीति 2020 की उपयोगिता पर चर्चा की। कहा कि प्रयागराज शिक्षा की नर्सरी है। अनादि काल से शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले चिंतक, साधक एवं प्रशासक आदि सभी अपने वैचारिक मंथन से एक नया आयाम बनाते आए हैं। ब्रज अकैडमी भी पिछले 40 वर्षो से निरंतर शिक्षा में संस्कृति और पर्यावरण के संतुलन पर कार्य करती आ रही है। पूर्व निदेशक दूरदर्शन डॉ। रामजी मिश्र ने कहा कि विश्व की किसी भी भाषा में धर्म का पर्याय नहीं है। धर्म और विज्ञान दोनों एक ही है। नई शिक्षा नीति 2020 प्राचीन संस्कृतियों एवं सभ्यताओं की ओर इंगित कर रही हैं। मंच का संचालन डॉ। चंद्रभूषण चतुर्वेदी ने किया।