वैक्सीनेशन का क्रेज, धूप में लाइन लगने से नहीं गुरेज
- महिलाओं से अधिक पुरुष लगवा रहे वैक्सीन
- घर से बाहर निकलने में गुरेज कर रही हैं महिलाएं प्रयागराज- कोरोना वैक्सीन लगवाने में महिलाएं पुरुषों से पीछे नजर आ रही हैं। जिले में अब तक 442707 लाभाíथयों को वैक्सीन लगाई गई है। इसमें से 202643 पुरुषों ने वैक्सीन की डोज ली है जबकि इसके मुकाबले वैक्सीन लगवाने वाली महिलाओं की संख्या महज 137146 है। यह संख्या बताती है कि महिलाएं वैक्सीनेशन को लेकर अधिक सीरियस नही हैं। फिर भी बना रहेगा खतराबता दें कि संक्रमण से अनजान महिलाओं को वैक्सीन नहीं लगवाने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है। विशेषज्ञों की माने तो अधिकतर महिलाएं सोचती हैं कि वह घर के भीतर हैं इसलिए उन्हें संक्रमण नहीं होगा। उनको नहीं पता कि संक्रमण घर के दूसरे सदस्यों के जरिए उन तक पहुंच सकता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें घर के पुरुषों से महिलाओं को कोरोना संक्रमण मिला और बाद में उनकी जान पर बन आई।
9224 को लगी वैक्सीनशनिवार को वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या में खासा इजाफा रहा। कुल 9224 लोगों ने विभिन्न केंद्रों पर पहुंचकर वैक्सीन की डोज ली। वैक्सीन लगवाने वालों में 5767 लोगों ने पहली और 3457 ने दूसरी डोज ली। बता दें कि अब तक जिले में 339480 लोगों ने वैक्सीन की पहली और 102936 लोगों ने दूसरी डोज लगवाई है। इस समय प्रयागराज में वैक्सीन की 35750 डोज बची है। इनमें कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों शामिल हैं.,
एक क्लिक में जानिए बेड की स्थिति अब लोगों के लिए शहर के कोविड अस्पतालों में खाली बेड की संख्या जानना आसान होगा। बस उनहें शासन द्वारा जारी लिंक पर क्लिक करना होगा। वर्तमान में httpsÑ//beds.dgmhup-covid19.in/EN/covid19b edtrack पर क्लिक करके तमाम अस्पतालों में खाली बेड का हाल पता किया जा सकता है। बच्चों के लिए अलग से बने वार्ड डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने शनिवार को बेली अस्पताल प्रशासन के साथ बैठक कर कोविड मरीजों के इलाज में लापरवाही नही बरतने की हिदायत दी गई। उन्होंने कहा कि मरीजों के इलाज और खानपान का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों के इलाज के लिए अलग से बेड और वार्ड का इंतजाम किया जाए। इस मौके पर तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। काबू में आ रहा कोरोनाशनिवार को कोरोना के मरीजों की संख्या में गिरावट जारी रही। चौबीस घंटे के भीतर 165 नए संक्रमित सामने आए। नौ मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई। 521 मरीज डिस्चार्ज किए गए जिसमें से 41 मरीज अस्पताल से घर भेजे गए। 10058 लोगों की जांच की गई।