- सरकार ने लांच किया मोबाइल ऐप 'मेरा बिल मेरा अधिकारÓ गूगल प्ले स्टोर से करना होगा डाउनलोड- एक माह में 25 बिल कर सकेंगे अपलोड पारदर्शी होगी खरीद-फरोख्त

प्रयागराज ब्यूरो । बाजार खरीद-फरोख्त पारदर्शी रखने और टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने नया दांव चला है। सरकार ने 'मेरा बिल मेरा अधिकार नामÓ से एक मोबाइल ऐप लांच किया है जो गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इस ऐप पर उपभोक्ता अपना पक्का बिल अपलोड कर सकेंगे और बदले में उन्हें एक करोड़ तक इनाम जीतने का मौका मिलेगा। इस ऐप का यह फायदा होगा कि ग्राहक अब दुकानदार से पक्का बिल मांगेंगे। मजबूरी में दुकानदार को इसे उपलब्ध कराना होगा।
ऐसे डाउन लोड होगा ऐप
- गूगल प्ले स्टोर से मेरा बिल मेरा अधिकार नाम के ऐप को डाउनलोड करना होगा।
- उस पर अपने नाम से रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- इसके बाद अपना मोबाइल नंबर डालना होगा जिस पर ओटीपी आएगी।
- इस ओटीपी को डालते ही रजिस्ट्रेशन पूरा हो जायेगा।
- रजिस्ट्रेशन के दौरान नाम वही लिखा जाये जो सरकार द्वारा दी किसी भी आई डी पर हो।
- ये ऐप एंड्रॉएड और आईओएस दोनों पर उपलब्ध है।
नही होगी टैक्स की चोरी
वर्तमान में प्रयागराज में 90 हजार व्यापारी जीएसटी पंजीकृत हैं लेकिन अक्सर देखने में आता है कि वह ग्राहकों को पक्का बिल उपलब्ध नही कराते हैं। ग्राहक भी इस पर ध्यान नही देते हैं। लेकिन इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद इनाम की लालच में ग्राहक पक्के बिल की मांग करेंगे। हालांकि व्यापारियों ने इस भी इस बिल का स्वागत किया है।
इस ऐप पर एक माह में अधिकतम 25 बिल अपलोड किए जा सकते हैं।
एक सितंबर के बाद मिलेगा मौका
इस ऐप का फायदा यह होगा कि जनता अब दुकानदारों से बिल कि मांग करेगी। इस ऐप पर एक सितम्बर के बाद बिल को अपलोड किया जा सकता है और एक सितम्बर के बाद अपलोड हुए बिल ही लकी ड्रा में सम्मिलित किये जाएंगे। ऐसे जीएसटी बिल जो दो सौ रूपए से अधिक हों ऐसे बिल ऐप पर अपलोड किये जा सकेंगे। बिल सीधे फोटो खींच कर या गैलेरी अथवा पीडीएफ़ के माध्यम से अपलोड किये जा सकते है।
यह होगा सरकार को फायदा
- बिल पर जीएसटी पंजीकृत व्यापारी की डिटेल होगी। जिसमें उसका जीएसटीएन नंबर होना जरूरी है।
- इसमें सिर्फ बी 2 सी बिल ही अपलोड होंगे। ऐसे बिल जिसमे विक्रेता का जीएसटी नंबर हों और तथा टैक्स का उल्लेख हो वो बिल अपलोड हो सकेंगे।
- इस ऐप पर स्कूल की फीस के जीएसटी बिल भी अपलोड हो सकेंगे।


इस बिल से जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों को भी लाभ होगा। क्योंकि बिल को अपलोड करते समय व्यापारी की पूरी डिटेल भरनी होगी। इससे उसकी सरकार के सामने छवि पारदर्शी बनेगी।
महेंद्र गोयल, प्रदेश अध्यक्ष कैट

इस योजना का इंतज़ार बहुत दिनों से किया जा रहा था। कुछ वर्ष पूर्व भी सरकार की ओर से इसे लाने की बात कही गई थी पर इसे टाल दिया गया। लेकिन अब जाकर सरकार ने इस योजना को लांच किया है।
विभु अग्रवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कैट

Posted By: Inextlive