साइबर शातिरों द्वारा किए जा रहे फ्राड का एक नया तरीका सामने आया है. शातिर अधिकारियों के नाम पर भी फ्राड करने से बाज नहीं आ रहे. वाट्सएप पर माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल का नाम व फोटो लगाकर शातिरों ने फ्राड किया है. यूपी बोर्ड के सचिव के नाम व फोटो लगाकर बनाए गए वाट्सएप के जरिए मैसेज भेजकर कई अफसरों से फर्जी सिफारिशें की गई हैं. बात मालूम चली तो सचिव के द्वारा उस वाट्सएप नंबर पर कॉल किया गया. कॉल रिसीव करने वाले साइबर शातिर द्वारा सचिव को धमकी दी गई. साइबर शातिरों के इस फ्राड का मामला बेनकाब हुआ तो विभाग में हड़कंप मच गया. यूपी बोर्ड के सचिव द्वारा मोबाइल नंबर के आधार पर इस फ्राड की तहरीर सिविल लाइंस थाने में दी गई. तहरीर के आधार पर आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. प्रकरण की जांच में अब साइबर सेल व थाने की टीम जुट गई है.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के सचिव दिव्यकांत शुक्ल बीएसएनएल के मोबाइल नंबर से वाट््सएप चलाते हैं। उनके जरिए पुलिस को बताया गया कि किसी साइबर शातिर के द्वारा एक अन्य कंपनी के मोबाइल नंबर पर वाट््सएप इंस्टाल किया गया जिस पर उनकी यानी यूपी बोर्ड के सचिव की फोटो लगा दी गई। साथ ही उनके नाम का भी इस्तेमाल इस वाट्सएप में यूज किया गया। इसके बाद उन साइबर शातिर शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारियों को वाट्सएप मैसेज व कॉल करके फेक सिफारिश करने लगे। तहरीर में सचिव ने पुलिस को बताया कि साइबर शातिरों ने उस फेक वाट्सएप से प्रभारी संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ योगेंद्र कुमार व प्रभारी संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी मंडल प्रदीप ङ्क्षसह के सीयूजी नंबर पर भी मैसेज किया गया। इस फेक मैसेज में शातिरों द्वारा अवैध सिफारिश की गई। यह बात माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को मालूम चली तो वह हैरान हो गए। पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। अपने नाम के दुरुपयोग से परेशान सचिव द्वारा साइबर शातिर के जरिए जिस मोबाइल नंबर से फेक वाट्सएप बनाया गया था उस पर कॉल की गई। उनके कॉल करने पर साइबर शातिर द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को धमकी दी गई। शातिर द्वारा सचिव के नाम, पद नेम व फोटो के दुरुपयोग से तमाम अफसरों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई। इससे सरकारी कार्यों में बाधा की स्थिति उत्पन्न हो गई। माना जा रहा है कि शातिर साइबर अपराधी के जरिए सचिव की फोटो यूपी बोर्ड की वेबसाइट से चुराई है। इस मामले की शिकायत सचिव द्वारा एडीजी प्रेम प्रकाश व एसपी क्राइम से की गई। अधिकारियों के आदेश पर सिविल लाइंस थाने में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करके जांच साइबर सेल व साइबर थाने को सौंप दी गई है। हालांकि सिविल लाइंस पुलिस भी अपने स्तर से इस प्रकरण की जांच में जुट गई है।

प्राप्त तहरीर के आधार पर मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अफसरों के आदेश पर साइबर सेल व साइबर थाने के साथ सिविल लाइंस पुलिस भी जांच में जुट गई है। फ्राड करने वाले शातिर की तलाश शिद्दत से की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
वीरेंद्र यादव, इंस्पेक्टर सिविल लाइंस

पहले भी शातिर कर चुके हैं ऐसी हरकत

साइबर शातिरों द्वारा इसके पहले भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया गया है। इसके पूर्व इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो। संगीता श्रीवास्तव और एमएनएनआइटी के डायरेक्टर के नाम से धोखाधड़ी की गई थी। साइबर शातिर इन दोनों लोगों की भी तस्वीर वाट्सएप लगाकर विभागीय लोगों को मैसेज भेजकर ठगी गई थी। बात मालूम चलने पर शिवकुटी थाने में तहरीर दी गई तो थाना पुलिस द्वारा इस मामले में भी मुकदमा दर्ज किया गया था

Posted By: Inextlive