16665रुपये का भुगतान रजिस्ट्रेशन के लिए करना होता है जनरल कैटेगिरी के कैडीडेटस को13540रुपये का भुगतान करते हैं अनु. जाति के कैंडीडेट्स रजिस्ट्रेशन कराने के लिए5000रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क के अतिरिक्त पे करने होंगे नए बनने वाले अधिवक्ता को

प्रयागराज (ब्यूरो)। यूपी बार कौसिंल ने भावी अधिवक्ताओं को बड़ी राहत दी है। बार ने उनके लिए 'तत्कालÓ व्यवस्था लागू कर दी है। इसका मतलब यह है कि कैंडीडेट सुबह बार कौंसिल के दफ्तर पहुंचकर डाक्यूमेंट और रजिस्ट्रेशन फीस जमा करेगा और शाम को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के साथ आईडी कार्ड लेकर अपने घर लौट जाएगा। इस व्यवस्था का लाभ लेने के लिए भावी अधिवक्ताओं को पांच हजार रुपये एक्स्ट्रा पे करने होंगे।
सोमवार से लागू कर दी गयी व्यवस्था
यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष श्रीश कुमार मेहरोत्रा, सदस्य सचिव प्रशांत सिंह अटल और उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह ने बताया है कि यह व्यवस्था सोमवार से ही लागू कर दी गयी है। व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए दो कर्मचारियों अनिल कुमार मौर्य और मो। वकास के बीच जिम्मेदारी बांटी गयी है। अनिल मौर्या के पास आवेदन अपने फॉर्म जमा करेगा। इसके लिए दिन में दो बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। वह फॉर्म और शुल्क जमा होने पर पंजीकरण संख्या एलॉट करेंगे और डिटेल मो। वकास को भेजेंगे। वह डिजिटल प्रमाण पत्र जेनरेट करके स्थानीय/संबंधित बार कौंसिल के सदस्य को भेजेंगे। इसके बाद शाम चार बजे तक डिजिटल प्रमाण पत्र के साथ आई कार्ड जारी कर दिया जाएगा। वह इसे आवेदक को हैंडओवर करते समय पावती भी प्राप्त करेंगे। आवेदन के पास पहुंचे डिजिटल प्रमाण पत्र के साथ आवेदन को वेरीफाई भी वह करेंगे।

यह थी पुरानी व्यवस्था
कैंडीडेट्स को सम्पूर्ण डाक्यूमेंट्स को अटैच करते हुए यूपी बार कौंसिल में आवेदन करना होता था
सभी शैक्षणिक सदस्यों की ओरिजिनल प्रति जमा करनी होती थी फॉर्म के साथ
यूनिवर्सिटी और बोर्ड से डाक्यूमेंट को वेरीफाई करता है बार कौंसिल
बार कौंसिल की मिटिंग के बार ही रजिस्ट्रेशन को अनुमोदित किया जाता था
इससे रजिस्ट्रेशन में कई बार डेढ़ से दो महीने तक का समय लग जाता था

अब क्या व्यवस्था होगी लागू
आवेदक को बार कौंसिल के मुख्यालय पहुंचकर फॉर्म लेना होगा
पुराने रजिस्ट्रेशन शुल्क के अलावा पांच हजार रुपये जमा करना होगा
फॉर्म को पूर्ण रूप से भरकर कौंसिल में दिन में दो बजे के पहले जमा करना होगा
इसके बाद शाम चार बजे तक उसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की डिजिटल प्रति और आईडी कार्ड उपलब्ध करा दिया जाएगा
उनके डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए जमा रहेंगे। इसे वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद लौटाया जाएगा
वेरीफिकेशन में कोई तथ्य गलत मिलने पर रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा

नई व्यवस्था का फायदा उन नए अधिवक्ताओं को होगा जो दूसरे शहरों से यहां आते हैं। उन्हें सेम डे रजिस्ट्रेशन की सुविधा से फायदा होगा। डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन फेल रहने पर तत्काल व्यवस्था में जारी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट निरस्त कर दिया जाएगा। पुरानी व्यवस्था भी पैरलल लागू रहेगी।
प्रशांत सिंह अटल
सदस्य सचिव, यूपी बार कौंसिल

Posted By: Inextlive