पब्लिक का 'हाल' और गांव-मोहल्ले की चाल जानने को पुलिस करेगी 'कॉल'
'उन्मेष' टीम का गठन, टीम के प्रत्येक सदस्य को दिए गए टैबलेट
24 घंटे में हर सूचना को किया जाएगा इंटरटेन, अफसर करेंगे मॉनीटर mukesh.chaturvedi@inext.co.inअब आप के मोबाइल की बेल बजे तो सतर्क रहिएगा। क्योंकि, यह कॉल पुलिस की हो सकती है। पुलिस के फोन को जानकार आप परेशान मत होना। यह आप को परेशान बिल्कुल नहीं करेंगे। कॉल करने वाले पुलिस के जवान आप से कुछ सवाल करेंगे। जैसे आप के मोहल्ले अथवा एरिया में क्या चल रहा है? कौन सा ऐसा दबंग या अपराधी है जिससे लोग परेशान हैं। वह कौन सा शख्स है जो पब्लिक को परेशान कर रहा? अंचल में किस व्यक्ति के द्वारा दारू, शराब, गांजा की बिक्री की जा रही है। सेक्स रैकेट या जुआ का अड्डा तो नहीं कोई चला रहा है। कौन सी ऐसी जगह है जहां पर शोहदे महिलाओं को परेशान करते हैं। यह सिर्फ फीड बैक लेने के लिए होगा। इसके बाद का काम पुलिसवाले खुद करेंगे। आपसे मिली सूचना को गुप्त रखकर वे लोकेशन को ट्रैक करेंगे और एरिया की समस्या से मुक्ति दिलाएंगे।
क्षेत्र के हालात ऐसे पूछेगी पुलिस अधिकारी 24 घंटे के अंदर फोन पर आप के द्वारा बताई गई हर समस्या को वर्कआउट करेंगेजांच और कार्रवाई की पूरी प्रक्रिया चौबीस घंटे में पूरी की जाएगी
यह काम पुलिस 'उन्मेष 2021' के तहत करेगी। जानकारियां देने वालों के नाम व एड्रेस आदि पुलिस खुद गोपनीय रखेगी। ताकि जानकारी देने वाले व्यक्ति को कोई तकलीफ या दिक्कत न हो। दरअसल पिछले वर्ष पुलिस द्वारा क्लिक एण्ड पोस्ट नामक एक वाट्सएप नंबर जारी किया था। जिस पर पब्लिक को खुद मैसेज या कॉल करके जानकारी देनी पड़ती थी। अब अफसरों का मानना यह है कि आखिर पब्लिक ही पुलिस को फोन क्यों करे? पुलिस खुद पब्लिक के पास फोन करके सूचना क्यों नहीं जुटा सकती एप करेगा पुलिस की मदद उन्मेष के तहत पुलिस ने सी एप डेवलप कराया है इस एप में हर मोहल्ला, गांव व कस्बा के दस संभ्रांत लोगों के नंबर मौजूद हैं। इस एप में जिनके भी नंबर हैं उन निर्विवाद बताए जा रहे हैं। इनका अब तक किसी से कोई विवाद नहीं है। इनकी सूचना पर विश्वास करके कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस लाइंस में कॉल सेंटर स्थापित पब्लिक को कॉल करने के लिए एक टीम का गठन किया गया है, जिसमें कुल 40 सदस्य शामिल हैंटीम के प्रति सदस्य को 40 गांवों में कॉल करने की जिम्मेदारी अधिकारियों द्वारा सौंपी गई है
इस टीम के हर जवान को एक टैबलेट दिया गया है, जिसके जरिए वह लोगों पास कॉल करके क्षेत्र का हालचाल लेंगे
टीम के लिए पुलिस लाइंस में कॉल सेंटर नामक से कार्यालय की भी स्थापना की गई, जहां बैठकर सभी काम करेंगे इसका कॉल सेंटर नामक कार्यालय का उद्घाटन आईजी व डीआईजी/ एसएसपी द्वारा किया जा चुका है टीम में शामिल करने से पहले हर जवान को ट्रेनिंग देकर पब्लिक से विनम्र भाव से बात करने का हुनर सिखाया गया है पंचायत चुनाव में मिलेगी काफी मदद इस व्यवस्था के लागू हो जाने से पंचायत चुनाव में शांति व्यवस्था बनाए रखने में भी पुलिस को काफी मदद मिलेगी। पुलिस कॉल करके सीधे पब्लिक से यह जान सकेगी कि कौन व्यक्ति चुनाव में अशांति फैला सकता है या फैला रहा है। कहां दारू व रुपये बांटे जा रहे हैं। यदि बेहतर रेस्पांस मिले और पब्लिक ने पुलिस का सपोर्ट किया तो पंचायत चुनाव में गड़बड़ी या अशांति फैलाने वाले जेल की सलाखों में भेज दिए जाएंगे। दारू या वोटरों को रुपये बांटने वाले प्रत्याशी पर भी शिकंजा सका सजा सकेगा।तमाम बातें ऐसी हैं जिनकी जानकारी लोग किन्हीं वजहों से पुलिस को चाहते हुए भी नहीं दे पाते। उन्मेष 2021 के जरिए पुलिस खुद फोन करके ग्रामीणों से इलाके की स्थिति व हाल का जायजा लेगी। पब्लिक से मिली सूचना पर 24 घंटे के अंदर पुलिस एक्शन लेगी। इससे अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने में काफी मदद मिलेगी।
सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी डीआईजी/एसएसपी 01 टीम 'उन्मेष' योजना के तहत बनी पुलिस की 40 जवान इस टीम में किए गए हैं शामिल 40 गांवों का जिम्मा प्रत्येक जवान को सौंपा गया है 10 लोगों का नंबर हर गांव से सी एप में है अपडेट