पोस्टमार्टम हाउस पर भीड़ का रहा जमावड़ा गम व गुस्से के बीच सुपुर्द-ए-खाक किए गए बॉडी शांति व्यवस्था को देखते हुये पोस्टमार्टम से लेकर कब्रिस्तान तक तैनात रही फोर्सधूमनगंज के मीरा पट्टी मोहल्ले में घर के भीतर बुधवार दोपहर सुल्तान और उसके मामा मोहम्मद यासिर को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया गया था. जब गुरुवार को दोनों बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ तो यह फैक्ट्स सामने आया है. सुल्तान और उसके मामा यासिर को तीन-तीन गोली मारी गई थी. पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने दोनों की बॉडी को परिजनों को सौंप दिया. पोस्टमार्टम हाउस से लेकर मृतक के घर व कब्रिस्तान पर शांति व्यवस्था के मद्देनजर फोर्स तैनात कर दी गई. परिजनों ने गम व गुस्से के बीच कालिंदीपुरम 120 फीट स्थित कब्रिस्तान में बाडी को सुपुर्द-ए-खाक किया.


प्रयागराज (ब्यूरो)। कालिंदीपुरम निवासी यासिर ईंट-बालू का सप्लाई करता था। वहीं लखनऊ निवासी सुल्तान भूसा का कारोबार करता था। दोनों रिश्ते में मामा-भांजे लगते थे। गुरुवार दोपहर दो बजे करीब दोनों की बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ। डाक्टरों ने पुलिस को बताया कि यासिर के सिर में एक गोली पिस्टल की मिली, जबकि पेट में तमंचे से गोली मारी गई थी। इस कारण पेट में करीब 15 से अधिक छर्रे मिले। जबकि सुल्तान के सिर में दो व सीने में एक गोली पिस्टल से मारी गई थी। सिर में लगी एक गोली आर-पार हो गई, जबकि दो बुलेट शरीर से मिली। बता दें कि बुधवार दोपहर प्रापर्टी के विवाद में मामा-भांजे की हत्या दीपक कुमार के घर में गोली मारकर की गई थी। यासिर के बड़े भाई ने दीपक विश्वकर्मा समेत पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

उठ रहे सवाल
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सामने आने के बाद ऐसे में यह जांच का विषय हो गया है कि अगर दीपक ने पिस्टल से फायरिंग की थी तो तमंचे से गोली किसने चलाई थी। फिलहाल घटना को लेकर पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद स्वजनों में आक्रोश व्याप्त रहा। कुछ लोगों ने पोस्टमार्टम में देरी होने पर हंगामा करने के प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें समझाकर शांत करा दिया। दोनों बाडी का पोस्टमार्टम होने के बाद पुलिस की मौजूदगी में कालिंदीपुरम स्थित कब्रिस्तान ले जाया गया, जहां शाम को सुपुर्द-ए-खाक किया गया है।

Posted By: Inextlive