निर्णय सुनाने के लिए एमपीएमएलए कोर्ट द्वारा नियत की गई 28 मार्च की तारीख

प्रयागराज ब्यूरो । बसपा विधायक राजू पाल के गवाह उमेश पाल अपहरणकांड में करीब 16 साल बाद फैसले की घड़ी आखिरकार अब आ गई। शुक्रवार को आरोपित पक्ष की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने निर्णय के लिए डेट फिक्स कर दिया है। एमपीएमएलए कोर्ट द्वारा फैसला सुनाने के लिए 28 मार्च 2023 की डेट नियत की है। अपहरण के इस मामले में उमेश पाल के द्वारा माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ समेत 11 लोगों को नामजद किया गया था। वर्षों से केस की पैरवी करते आ रहे उमेश पाल कोर्ट का फैसला सुनने व देखने के लिए अब इस दुनिया में नहीं हैं। पिछले महीने 24 फरवरी को दिनदहाड़े घर के पास गोलियों से भून कर उनकी हत्या कर दी गई थी। कातिलों के जरिए उमेश पाल के दो गनर को भी मौत के घाट उतार दिया था। इस मर्डर केस के आरोपितों तलाश व जांच अभी प्रचलित है।
2006 में हुआ था अपहरण
वर्ष 2005 में बसपा से विधायक रहे राजू पाल की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। धूमनगंज थाने में दर्ज इस मुकदमें में थाना क्षेत्र के सुलेमसराय जयंतीपुर निवासी उमेश पाल चश्मदीद गवाह थे। विधायक रहे राजू पाल मर्डर केस के आरोपितों द्वारा 2006 में 28 फरवरी को गवाह उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया था। आरोप था कि अपहरण के आरोपित अपने पक्ष में बयान कराना चाहते थे। अपहरण कांड में उमेश पाल की तहरीर पर धूमनगंज थाने में केस दर्ज किया गया था। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने कहा कि वादी इस मुकदमें वादी उमेश पाल की ओर से माफिया अतीक अहमद, अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद, शौकत हनीफ व चार अन्य नामजद किए गए थे। केस दर्ज करने के बाद पुलिस द्वारा विवेचना शुरू की गई। उमेश पाल अहपहरण कांड में जावेद उर्फ बज्जू, एजाज अख्तर, आबिद व इशरार एवं अंसार बाबा का नाम प्रकाश में आया। इस तरह कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ एमपीएमएलए कोर्ट में मुकदमें का विचारण शुरू हुआ। वादी की ओर से बहस पूरी की गई। उमेश पाल की तरफ से कुल आठ गवाह कोर्ट में पेश किए गए थे। जबकि आरोपितों की तरफ से कुल 54 गवाह कोर्ट के सामने पेश किए गए। कोर्ट के जरिए आरोपितों को अपनी बात रखने के लिए बहस का मौका दिया गया था। नियत तिथि पर शुक्रवार को आरोपितों की ओर से बहस की गई। इस तरह उमेश पाल अपहरण कांड में बहस पूरी होने के बाद कोर्ट द्वारा फैसले सुनाने के लिए डेट फिक्स की गई। बताया गया कि इस मामले में 28 मार्च 2023 को एमपीएमएलए कोर्ट के द्वारा फैसला सुनाया जाएगा। करीब 16 साल तक चले इस केस में फैसला सुनने के लिए अपहरण कांड के वादी उमेश पाल अब इस दुनिया में नहीं हैं।

अब इस दुनिया में नहीं है उमेश पाल
वर्ष 2006 में गवाह उमेश पाल के अपहरण में फैसले की तिथि नजदीक है। अब 28 मार्च को फैसला चाहे जो आए, मगर उसे सुनने के लिए अब वह इस इस दुनिया में नहीं है। क्योंकि 24 फरवरी 2023 को धूमनगंज के सुलेसराय जयंतीपुर स्थित घर के दरवाजे पर गोलियों से भूनकर उनकी हत्या कर दी गई है। सिर्फ उमेश पाल को ही नहीं, कातिलों ने उनके दो गनर संदीप निषाद व राघवेंद्र सिंह को भी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था।

दम तोड़ चुका है आरोपित अंसार
उमेश पाल अपहरण कांड के आरोपितों की लिस्ट में अंसार अहमद उर्फ बाबा का भी नाम शामिल था। केस से जुड़े अधिवक्ता की मानें तो अब अंसार भी इस दुनिया में नहीं रहा। कुछ साल पहले उसने भी दम तोड़ दिया है। मौजूदा समय में केस के आरोपित माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ समेत दस आरोपित ही बचे हैं। इसमें माफिया अतीक अहमद गुजरात के अहमदाबाद तो उसका भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ बरेली की जेल में पहले से ही है।


उमेश पाल अपहरण मामले में शुक्रवार को आरोपितों की ओर से बहस की गई। प्रकरण में अब बहस पूरी हो गई है। कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 28 मार्च की डेट नियत की है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी

Posted By: Inextlive