आज पूरी हो पाएगी उमेश अपहरण कांड में बहस!
प्रयागराज ब्यूरो । नौ आरोपितों की तरफ से होनी है बहस, लास्ट स्टेज पर है सुनवाई प्रक्रिया
तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल हत्यांकाड के गवाह उमेश पाल के अपहरण कांड में बचाव पक्ष की बहस शनिवार को पूरी हो जाने की संभावना है। शुक्रवार को भी कोर्ट ने बचाव पक्ष की वकीलों को सुना। नौ आरोपितों की तरफ से अलग अलग बहस के लिए अधिवक्ता नियुक्त किये गये हैं। सभी को पक्ष रखने का मौका दिया जा रहा है। इसी के चलते शुक्रवार को बहस पूरी नहीं हो सकी। बता दें कि यह केस एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया के फाइनल स्टेज पर है। इसका फैसला जल्द आ सकता है।
11 हैं नामजद, एक की हो चुकी मौत
अपहरण का यह प्रकरण वर्ष 2006 का है। धूमनगंज में थाने में दर्ज इस मुकदमे में माफिया अतीक अहमद, अशरफ, दिनेश, अंसार अहमद, खान सोलत हनी, जावेद, इशरार, आसिफ उर्फ मल्ही, एजाज अख्तर, आबिद सहित कुल 11 लोग नामजद हैं। मौत के घाट उतारे गए उमेश पाल के अधिवक्ता विक्रम सिन्हा की मानें तो आरोपितों में अंसार अहमद की डेथ हो गई है। दस आरोपित मौजूदा समय में हैं जिनकी तरफ से बहस चल रही है।
धूमनगंज थाने से नहीं आयी शाइस्ता की अर्जी पर आख्या
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा दी गई अर्जी पर कोर्ट द्वारा मांगी गई आख्या धूमनगंज थाने से शुक्रवार को कोर्ट में दाखिल नहीं की गयी। इस पर नाराजगी जताते हुए सीजेएम कोर्ट ने पुलिस को आख्या देने के लिए चार मार्च की डेट मुकर्रर की है।
स्पष्ट आख्या देने के हैं निर्देश
धूमनगंज थाना क्षेत्र में 24 फरवरी को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल को गोलियों से भून दिया गया था। उमेश पाल के साथ उसके दोनों गनर की भी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल के द्वारा पुलिस को तहरीर दी गई। तहरीर के आधार पर पुलिस माफिया अतीक अहमद व उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन एवं भाई अशरफ व बेटों सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस केस में नामजद आरोपित शाइस्ता परवीन की ओर से उनके अधिवक्ता विजय मिश्रा द्वारा सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी गई है। अर्जी में शाइस्ता परवीन की तरफ से कहा गया है कि उनके दोनों अवयस्क बेटों को धूमनगंज पुलिस ने हिरासत में ले रखा है। मगर, दोनों के बारे में पुलिस कुछ भी बता नहीं रही। इस पर कोर्ट ने धूमनगंज थाने से आख्या मांगी है। पुलिस की तरफ से गुरुवार को कोर्ट में आख्या पेश की गयी लेकिन जवाब गोलमोल था। इसके बाद शाइस्ता के अधिवक्ता की गुजारिश पर तीन मार्च को अदालत ने धूमनगंज पुलिस से स्पष्ट आख्या मांगी थी। तीन मार्च को पुलिस द्वारा कोर्ट में कोई आख्या नहीं दी गई। इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने नियमानुसार चार मार्च तक आख्या देने का निर्देश दिया है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी