यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स की बढ़ रही है बेचैनी इंडियन एंबेसी ने जल्द ही समाधान करने का दिया है आश्वासनयूक्रेन पर रूस द्वारा हमला किए जाने के बाद वहां फंसे भारतीय छात्रों की बेचैनी बढ़ गई है. उनके पैरेंट्स का कहना है कि यूक्रेन गवर्नमेंट ने भारतीय छात्रों को धोखे में रखा. उनके देश के हालात खराब हो रहे थे लेकिन उन्होंने एक भी दिन यूनिवर्सिटी बंद नही की. उन्होंने माहौल की गंभीरता से छात्रों को परिचित भी नहीं कराया. अब जब रूस ने अचानक हमला बोल दिया तो सभी छात्र फंस गए हैं और उन्हें वहां से निकलने का रास्ता नही मिल रहा है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर के चार स्टूडेंट इस समय यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें से शहर के नीवा एरिया के रहने वाले दीक्षांत श्रीवास्तव भी शामिल हैं। वह ओडेसा शहर में रह रहे हैं। उनके पिता रमेश चंद्र श्रीवास्तव एलआईसी में कार्यरत हैं। वह कहते हैं कि अब जब युद्ध शुरू हो गया है तो यूक्रेन गवर्नमेंट में फंसे बीस हजार छात्रों के बल पर वहां के राष्ट्रपति भारत के पीएम नरेंद्र मोदी पर रूस से उनके पक्ष में बात करने का दबाव बना रहे हैं। बंकर में बीत रहा दिन, समाधान का दिया आश्वासन
वहीं यूक्रेन के ओडेसा शहर में रह रहे एमडी फिजीशियन के छात्र दीक्षांत कहते हैं कि आसपास के आर्मी बेस पर लगातार रूसी बमबारी जारी है। जिसके धमाके से हमारा एरिया रह रहकर कांप जाता है। हमलोगों को बमबारी होने पर आसपास बने बाम्ब शेल्टर में रुकने को कहा गया है। साथ में रह रहे अल्लापुर के अनुराग, अनमोल और अमित भी इसी हालात से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडियन एंबेसी से बात हुई है। उनका कहना है कि किसी तरह वाया रोड पड़ोसी देश हंगरी, पोलैंड या रोमानिया तक बार्डर क्रास कर पहुंचाया जाएगा। फिर उन देशों से फ्लाइट के जरिए इंडिया भेज दिया जाएगा। जल्द यह कदम उठाने का आश्वासन दिया गया है।एयर इंडिया ने बढ़ा़ दिया किरायायूक्रेन पर हमला होने के पहले छात्रों ने दश के वापसी के लिए एयर इंडिया के टिकट 22, 24 और 26 फरवरी के लिए बुक कराए थे। इनका किराया 60 हजार रुपए वसूला गया था। जबकि अभी तक यह फेयर 24 हजार रुपए था। हालांकि यह फ्लाइट अब कैंसिल हो चुकी है। यूक्रेन की हवाई उड़ाने रद कर दी गई हैं।इंडियन गवर्नमेंट पर पूरा भरोसापैरेंट्स कहते हैं कि उन्हें इंडियन गवर्नमेंट पर पूरा भरोसा है। जब टीवी सुना कि भारत सरकार ने कहा है कि सभी छात्रों को अपने खर्च पर वापस लाया जाएगा तो जान में जान आई। ओडेसा के साथ मोकोलायिव, डेनिप्रो और तेरनोपिल आदि शहरों में माहौल तनाव पूर्ण बना हुआ है। हालांकि शुक्रवार को गुरुवार के मुकाबले ओडेसा में कम बमबारी हुई है। सेना का मूवमेंट भी कम हुआ है। भारतीय छात्रों का कहना है कि कमरों की खिड़कियों को बंद रखने और उसे भारी चीजों से कवर करने केा कहा गया है। सरकार ने जरूरी वस्तुओं की खरीदारी के लिए शॉपिंग मॉल खोल रखे हैं।

Posted By: Inextlive