नैनी एरिया के अरैल में एसटीएफ की टीम से हुआ सामना, 50 हजार का इनामी था 'वकील'

प्रयागराज में माफिया दिलीप मिश्रा के सम्पर्क में थे, अमजद पर भी दर्ज हैं दो दर्जन मुकदमे

प्रयागराज में लम्बे समय बाद फुल इनकाउंटर हुआ। इस बार बदमाशों का सामना हुआ था एसटीएफ की फील्ड युनिट से। क्रास फायरिंग में गोली खाकर दो बदमाश ढेर हो गये। दोनों पूर्वाचल के माफिया डान मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी गैंग से जुड़े हुए बताये गये हैं। इसमें से एक का नाम वाराणसी में जेलर की हत्या के मामले में सामने आया था। इस पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था। इन दिनो दोनों प्रयागराज के एक माफिया गैंग से जुड़े हुए थे। पुलिस का कहना है कि दोनो यहां बड़े काम के लिए आए थे।

सुपारी लेकर करते थे काम

मुठभेड़ में ढेर हुए एक बदमाश का नाम वकील पांडेय उर्फ राजीव पांडेय उर्फ राजू पुत्र सहसराम पांडेय निवासी बड़ी शिव मन्दिर, थाना गोपीगंज, जनपद भदोही दूसरे का नाम अमजद उर्फ अंगद उर्फ पिंटू उर्फ डाक्टर पुत्र हफीजुल्लाह निवासी राम सहायपुर, थाना भदोही, जनपद भदोही बताया गया है। उसे अंगद, पिंटू और डॉक्टर के नाम भी जाना जाता था। दोनों मूल रूप से भदोही जिले के रहने वाले बताये गये हैं। एसटीएफ के अनुसार वकील पांडेय उर्फ राजीव पांडेय पर पचास हजार रुपये का इनाम घोषित था। ये दोनों शातिर बेसिकली सुपारी किलर के तौर पर काम करते थे। इस काम के लिए ये दोनों उत्तर प्रदेश के अलावा झारखंड भी जा चुके थे। इन दिनों ये प्रयागराज पहुंचे हुए थे। इन दोनों का टारगेट दो नेताओं की हत्या था। बुधवार की भोर में दोनों अपने मिशन पर निकले थे। दोनों अरैल के रास्ते शहर में इंट्री करने वाले थे। इनके पास लोडेड असलहे भी थे। संयोग से इसकी भनक एसटीएफ टीम को लग गयी। इसके बाद एसटीएफ टीम ने अरैल मार्ग पर घेराबंदी कर दी गयी। पुलिस ने इन दोनों को रोकने का प्रयास किया तो दोनों ने घेरा तोड़कर भागने का प्रयास किया। वे कछार की तरफ उतर गये। और नदी की तरफ भागने लगे। यह देखकर पुलिस टीम ने दोनों का पीछा कर लिया। पुलिस को पीछे आते देखकर उन्होंने फायरिंग करना शुरू कर दिया। पुलिस की जवाबी फायरिंग पर दोनों बदमाशों को गोली लग गई। दोनों को एसआरएन अस्पताल लाया गया तो डाक्टरों ने को मृत घोषित कर दिया।

डिप्टी जेलर हत्याकांड में आया था नाम

पुलिस को इनके बारे में पहले से ही सुराग मिल चुका था। मुठभेड़ के बाद पहचान बतायी गयी। मौके पर मौजूद एसटीएफ के अफसरों ने बताया कि राजेश उर्फ राजीव उर्फ वकील पांडेय पहले मुन्ना और मुख्तार के साथ जुड़ा हुआ था। जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या और प्रदेश सरकार की माफियाओं के खिलाफ चल रही कार्रवाई के तहत मुख्तार को पंजाब शिफ्ट कर दिया गया तो दोनों ने चाका के पूर्व ब्लाक प्रमुख और दबंग छवि के दिलीप मिश्रा का दामन थाम लिया था। बता दें कि बागपत जेल में नौ जुलाई 2018 को मुन्ना बजरंगी की हत्या हुई थी। एसटीएफ अफसरों के मुताबिक दोनों शातिरों पर लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वकील का नाम चर्चा में वर्ष 2013 में आया था। तब वाराणसी जिले में डिप्टी जेल अनिल कुमार त्यागी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। घटना के वक्त डिप्टी जेलर अर्दली बाजार में स्थित जिम में वर्कआउट करने के लिए जा रहे थे। सरेआम हुए इस हत्याकांड से पुलिस और प्रशासन हिल उठा था। इसके जरिए उन्होंने संदेश दिया था कि जेल में बंद मुन्ना और मुख्तार गैंग के लोगों के साथ ज्यादा सख्ती बरती गयी तो अंजाम क्या हो सकता है।

एसटीएफ प्रयागराज टीम के लिए बड़ी उपलब्धि है। मुठभेड़ में ढेर दोनों शातिर बदमाश कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। मुन्ना बजरंगी, मुख्तार अंसारी के लिए काम करते थे। माफिया दिलीप मिश्रा के टच में आने के बाद उनके लिए भी काम करने लगे थे। वकील पर 20 और अमजद पर 24 अपराधिक मुकदमे दर्ज थे।

नवेन्दु कुमार

सीओ एसटीएफ, प्रयागराज

Posted By: Inextlive