एसआरएन में हुए भर्ती, सोमवार को हो सकती है सर्जरी, अब तक पांच मरीज आए सामने

जिले में ब्लैक फंगस ने अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को दो मरीज भर्ती कराए और शनिवार को जांच में इसकी पुष्टि हो गई। दोनों मरीजों का एसआरएन में उपचार चल रहा है। डाक्टर्स का कहना है कि सोमवार जरूरत पड़ने पर किसी मरीज की सर्जरी हो सकती है। एसआरएन में अब तक इस बीमारी के पांच मरीज भर्ती कराए जा चुके हैं। अन्य कई संदिग्ध मरीजों को ओपीडी में आने के बाद जांच के लिए रेफर किया गया है।

आंखों में होने लगी प्राब्लम

भर्ती मरीजों में एक धूमनगंज के रहने वाले राजेश मिश्रा हैं। उनका सिर भारी था और बाई आंख में दिक्कत हो रही थी। उन्होंने एसआरएन की ओपीडी में दिखाया तो डॉक्टर ने एमआरआई के लिए रेफर कर दिया। जांच में उनमें ब्लैक फंगस की पुष्टि हो गई। दूसरे कोरांव के रहने वाले राजेश जायसवाल 52 वर्ष को भी इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। दोनों हाल ही में कोरोना निगेटिव होकर घर लौटे थे।

एग्जाम्पल केस वन

इसका भी करेंगे डटकर सामना

लूकरगंज के रहने वाले 55 साल के अजय प्रताप का कहना है कि हाल ही में वह प्राइवेट अस्पताल से डिस्चार्ज होकर आए हैं। इलाज में लाखों रुपए खर्च हो गए और 8 दिन तक वह आक्सीजन पर रहे। घर आए तो लगा कि सब कुछ सामान्य हो गया लेकिन ब्लैक फंगस से वह फिर परेशान हो गए। लेकिन हिम्मत नही हारेंगे। अभी भी वह अपनी इम्युनिटी पर काम कर रहे हैं और घर से बाहर नही निकल रहे हैं।

एग्जाम्पल केस टू

परिजनों की चिंता जस की तस

राजरूपपुर के 47 साल के राजीव मिश्रा भी 10 दिन पहले घर पहुंचे हैं। बहुत मशक्कत से उन्होंने खुद को कोरोना से बचाया है। परिजनों का कहना है कि पूरा परिवार उनकी सलामती में लगा रहा और अब वह खतरे से बाहर हैं। लेकिन ब्लैक फंगस की जानकारी होने के बाद सभी चिंतित हो गए हैं। बावजूद इसके राजीव टेंशन मुक्त हैं। वह कहते हैं कि जो भी मरीज अस्पताल से घर आए हैं वह फिलहाल अभी अपने घर पर रहें।

ओपीडी में जितने भी मरीज आ रहे हैं उनमें से पोस्ट कोविड मरीजों की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद पुष्टि होने पर उन्हें भर्ती कराकर इलाज कराया जा रहा है। डरने की जरूरत नही है। समय पर आने से इस बीमारी का इलाज संभव है।

डा एसपी सिंह

प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive