कीडगंज गोलीकांड में एक की हत्या और घायल हुए तीन युवकों के प्रकरण में दारोगा पंकज भाष्कर और अमित ङ्क्षसह भी सस्पेंड कर दिए गए. आरोप है कि बमबाजी के मामले की विवेचना में बतौर चौकी इंचार्ज इनके जरिए लापरवाही बरती गई. मुकदमे का पर्यवेक्षण करने वाले तत्कालीन इंस्पेक्टर कीडगंज रोशन लाल पर भी तलवार लटक रही है. जांच में इनकी भी भूमिका पर शक जाहिर किया जा रहा है.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। कीडगंज गोलीकांड से पूर्व 2021 के 23 जनवरी को संदीप गुप्ता की चाट वाली दुकान पर बमबाजी हुई थी। बाइक सवार बमबाज संदीप व उनके भाई को निशाना बनाए थे। दूसरे दिन घटना की रिपोर्ट कीडगंज थाने में दर्ज कराई गई। मामले में फुटेज की बिना पर करछना के मुकेश तिवारी व राहुल तिवारी की शिनाख्त के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। बताते हैं कि उस समय नाका चौकी इंचार्ज पंकज भाष्कर थे। वहीं इस केस की विवेचना किए। इनके बाद विवेचना चौकी इंचार्ज अमित ङ्क्षसह ने भी की। किसी ने भी पूछताछ में निलंबित सिपाही विमलेश पांडेय का नाम प्रकाश में नहीं लाया। जबकि वादी लगातार आरोप लगा रहे थे। कहा तो यह भी जा रहा है कि उस समय थाना प्रभारी रहे रोशन लाल ने भी मुकदमे की विवेचना का ठीक से पर्यवेक्षण का कार्य नहीं किया। ऐसे में अधीनस्थ कर्मचारियों ने लापरवाही बरती। मगर अब जब संदीप, उनके भाई विशाल समेत चार को सरेशाम गोली मारी गई और जख्मी विशाल की मौत हुई तो पुरानी फाइलों की गोपनीय जांच शुरू कर दी गई है। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में अफसरों को मालूम चला है कि तत्कालीन चौकी इंचार्ज ने लापरवाही बरती है। इसी के आधार पर दोनों दरोगाओं को आईजी ने निलंबित कर कर दिया है।

चल रही छानबीन में जो भी दोषी मिलेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं होगी। पीडि़त पक्ष को इंसाफ मिले, यही मकसद होना चाहिए।डॉ। राकेश सिंह आइजी रेंज

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