अखाड़ों की बैठक मे संतों के दो गुटों में मारपीट
प्रयागराज ब्यूरो ।महाकुंभ से पहले अखाड़ों का आपसी विवाद खुलकर सामने आ गया है। गुरुवार को अखाड़ों की बैठक में संतों के दो गुटों में मारपीट हो गई। संतों के आमने सामने आ जाने से अधिकारियों के हाथ पांव फूल हो गए। उन्होंने मान मनौव्वल कर किसी प्रकार मामला शांत कराया। हालांकि इस दौरान संतों के एक गुट ने जमीन का निरीक्षण करने से इंकार कर दिया। बैठक में अखाड़ा परिषद के बैठक महंत रवींद्र पुरी और महामंत्री हरी गिरि के साथ तमाम अधिकारी मौजूद थे।
अचानक शुरू हो गया बवाल
गुरुवार को प्रशासन की ओर से अखाड़ों को महाकुंभ में भूमि आवंटन से पहले जमीन के निरीक्षण के लिए बुलाया था। इस दौरान मेला प्राधिकरण के कार्यालय में सभी 13 अखाड़ों के संत उपस्थित थे। तभी अचानक किसी बात को लेकर संतों में मारपीट और हंगामा श्ुारू हो गया। बताया जा रहा है कि निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास का किसी बात को लेकर एक साधु से झगड़ा हुआ था। इस बीच मारपीट शुरू हो गई। मौके पर उपस्थित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री स्वामी हरिगिरि ने बीच बचाव कर मामले को शांत करा दिया। दो गुटों में बंट गया है अखाड़ा परिषद
बता दें कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की 2021 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद रवीदं्र गिरि को अध्यक्ष चुना गया था। लेकिन अखाड़ा का एक गुट उन्हें अध्यक्ष मानने को तैयार नही है। जानकारी के मुताबिक गुरुवार को भी दोनों गुट आमने सामने आ गए थे। इस मामले में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवीद्र पुरी का कहना है कि जमीन आवंटन के लेकर विवाद चल रहा है। बैठक में कुछ संतों की ओर से हंगामा किया गया है। एक गुट शुक्रवार को करेगा निरीक्षणसंतों के बीच हुए हंगामे को लेकर गुरुवार के अधिकारियों की हालत खराब रही। वह लगातार मान मनौव्वल में जुटे रहे। अधिकारियेां का कहना था कि गुरुवार को एक गुट को जमीन का निरीक्षण करा दिया गया है और शुक्रवार को दूसरा गुट जमीन का निरीक्षण करने जाने वाला है। बता दें कि पिछले माह जब सीएम योगी आदित्यनाथ महाकुंभ वेबिसाइट की लांचिंग में आए थे तब भी अखाड़ा परिषद के दोनों गुटों का विवाद सामने आ गया था। उस दौरान सीएम की मौजूदगी में सब शांत हो गए थे। यही स्थिति गुरुवार को भी उभरकर सामने आ गई।
संगम क्षेत्र में अखाड़ों के संतों को जमीन का निरीक्षण कराना था। उसके लिए सबको बुलाया गया था। सबके अलग-अलग बैठने की व्यवस्था थी। उसी दौरान आपस में विवाद शुरू हो गया। तकरार बढऩे से पहले मामला शांत करा दिया गया है। श्रीमहंत राजेंद्र दास ने मामले की जांच कराने के साथ सुरक्षा की मांग की है। उस दिशा में कदम उठाया जाएगा। आठ अखाड़ों को जमीन दिखा दी गई है। जो बचे हैं उन्हें शुक्रवार की सुबह दिखाई जाएगी। -विजय किरन आनंद, कुंभ मेलाधिकारी