राजरूपपुर में फूल माला की दुकान लगाने वाले मक्खन लाल शर्मा ने खून पसीने की कमाई से वर्ष 2002 में पीडीए से प्लॉट खरीदा था. बाद में पता चला कि जमीन विवादित है. पैसा जमा हो चुका था. पीडीए का चक्कर लगा रहे थे कि जमीन मिल जाए. इस चक्कर में धीरे धीरे बीस साल बीत गए. अभी भी वह किराए पर रह रहे हैं. तीन में से दो बेटियों की शादी कर चुके हैं. एक बेटा है. उसे छत न देने पाना उन्हें कचोट रहा था. बुधवार को उन्हें एक नई आस मिली. प्राधिकरण की मिशन संगम योजना के तहत लाटरी प्रक्रिया में शामिल होने गए थे. उनको नये स्थान पर जमीन आवंटित कर दिये जाने की सूचना मिली तो नई उम्मीद ने जन्म लिया है. लेकिन अब भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि यह पता नहीं है कि जमीन कहां मिलेगी? और कब मिलेगी

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। मक्खन लाल कहते हैं कि मेरे लिए जमीन की बुकिंग कराने के समय 55 हजार रुपये भी जमा करना पड़ा चैलेंज था। सब कुछ दांव पर लगाकर पैसे जमा कर दिये। बदले में देव प्रयागम योजना के तहत 50 वर्गमीटर जमीन एलॉट हुई तो सपना देखा कि अपनी जमीन और छत होगा। किराए का पैसा बच जाएगा। तब 40 साल का था और अब 60 साल उम्र हो गई है। जिंदगी का कोई भरोसा नही है। पता नही जीते जी अपनी छत नसीब होगी भी या नही। बीस साल में लाखों रुपए किराया दे चुका हूं।

पेंशन बेचकर लेना पड़ा घर
एनटीपीसी से रिटायर हो चुके राकेश अवस्थी की कहानी भी दुखों से भरी है। नौकरी के दौरान 2002 में उन्होंने देव प्रयागम योजना के तहत जमीन एलॉट कराई थी। लेकिन, कब्जा नही मिला। क्योंकि, पीडीए द्वारा दी गई जमीन में कोई लीगल पेंच फंस गया था। देखते देखते बीस साल निकल गए। राकेश नौकरी से रिटायर भी हो गए। उम्मीद दम तोड़ रही थी, ऐसे में उन्होंने अपने पीएफ के पैसे को बेची हुई पेंशन से मिली राशि में जोड़कर एक दूसरा मकान खरीद लिया। ताकि उनका परिवार राजी खुशी उसमें रह सके। कहते हैं कि मेरे साथ जिन्होंने 4 से 5 लाख में जमीन लिया था, उसे वर्तमान में पचास लाख रुपए में बेच भी दिया। मैं वहीं का वहीं रह गया। बुधवार को भी पीडीए ने लाटरी में उनका नाम निकाला और जमीन भी देव प्रयागम योजना झलवा में भी दिया। लेकिन लोकेशन नही दी। ऐसे में अभी भी राकेश जी को संशय बना हुआ है।

इनको भी है कब्जे का इंतजार
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे नवनीत कुमार ने इसी देव प्रयागम योजना के तहत 2015 में 90 वर्ग मीटर जमीन 15 लाख रुपए में खरीदी थी। कब्जा उन्हें भी अभी तक नही मिल सका है। उनकी उम्र अभी 28 साल है और वह अभी भी तैयारी में जुटे हैं। कहते हैं कि लाटरी में जमीन मिल गई है लेकिन अभी लोकेशन नही मिली है। लोकेशन मिल जाए तो वह कब्जा ले लेंगे। कहते हैं कि काफी देर हो चुकी है। अब पीडीए को जमीन दे देना चाहिए।

24 लोगों की निकली लाटरी
पीडीए की तमाम आवासीय योजनाओं में जमीन पर कब्जा नही पाने वाले 183 आवंटियों को चिंहित किया गया है।
इनको मिशन संगम योजना के तहत जमीन दी जा रही है।
यह वह लोग हैं जो कई सालों से इंतजार में बैठे हैं।
बुधवार को देव प्रयागम आवासीय योजना के तहत लाटरी का आयोजन कर 24 लोगों को प्लाट दी गई, लेकिन इन्हे अभी कब्जा नही मिला है।
पीडीए ने कहा है कि जल्द ही लोकेशन, कब्जा सब मिल जाएगा।
इस योजना में 2002 में कुल 400 लोगों को आवंटन किया गया था
53 लोग ऐसे हैं जिनको जमीन पर कब्जा नही मिल सका है।

हम लोग मिशन संगम योजना के तहत सभी को कब्जा दिलाने में लगे हैं। इसमें काफी मेहनत और होम वर्क करना पड़ रहा है। थोड़ा समय लग रहा है लेकिन सभी को संतुष्टि दिलाई जाएगी।
अजीत कुमार सिंह सचिव, पीडीए प्रयागराज

Posted By: Inextlive