रेलवे ने यात्रियों को एचएचटी हैंड हेल्ड टर्मिनल के माध्यम से सीट खाली होने पर ट्रेन में ही रिजर्वेशन की सुविधा प्रदान कर दी है. वहीं डिजिटल मोड पर कार्य करने के चलते टीटीई खाली सीटें नहीं बेच पा रहे हैं. यात्रियों की टिकट की जांच भी इसी मशीन से कर रहे हैं. इस मशीन से टिकट बनाने से लेकर कैंसिल तक करने की सुविधा दी गई है. इस मशीन के आ जाने से टीटीई खाली सीटों की चोरी नहीं कर पा रहे हैं. इस एचएचटी मशीन मिलने से एक-एक सीट का ब्योरा ऑनलाइन हो गया है. एक तरह से एनसीआर की ट्रेनों में चलने वाले टीटीई को पूरी तरह से डिजिटल मोड पर लाया जा रहा है. आइए आपको बताते है कि यह मशीन कैसे काम करती है और इसकी खासियत क्या है?

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। सबसे पहले कानपुर-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस में यह सुविधा शुरू हुई। इसके अलावा ताज एक्सप्रेस, प्रयागराज एक्सप्रेस, श्रमशक्ति एक्सप्रेस और आगरा-दिल्ली इंटरसिटी एक्सप्रेस में यह मशीन दी गई है। अभी तक एनसीआर की विभिन्न ट्रेनों में 1088 हैंड हेल्ड टर्मिनल मशीन दी जा चुकी है। जिसमें सबसे ज्यादा 488 मशीन प्रयागराज डिविजन को दिए गए है। स्टेशन डायरेक्टर वीके द्विवेदी बताते है कि टीटीई ट्रेनों में टिकटों की जांच आसानी से कर सकते है। चलती ट्रेन में खाली पड़ी सीट को तत्काल यात्रियों को एलॉट कर सकते है। टीटीई ट्रेनों में खाली बर्थ की सूचना देगे और तत्काल आरएसी-वेटिंग सूची के यात्री का टिकट कंफर्म हो जाता है। ट्रेनों में यात्रियों में मनमानी वसूली पर भी रोक लगेगी।

ट्रेन छूटने के पंद्रह मिनट पहले का चार्ट हो रहा अपडेट
हैंड हेल्ड मशीन रेलवे के इंटरनेट सर्वर से कनेक्ट है। पीआरएस सिस्टम से जुड़े होने की वजह से ट्रेन छूटने के पहले तक करंट काउंटर से बिके टिकटों का भी अंतिम अपडेट मशीन में हो रहा है। ट्रेन के चलने पर अगले स्टेशन से पहले तक की खाली सीटों की जानकारी उपलब्ध हो जा रही है। इससे अगले स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचने के पहले करंट काउंटर से भी सीटों की बुकिंग हो सकेगी। अभी तक आरक्षण चार्ट ट्रेन चलने के तीन घंटे पहले छपता था और ट्रेन में चस्पा किया जाता था। तब तक किसी यात्री की ट्रेन छूटने या बाद में टिकट रद्द करने पर खाली सीटों को टीटीई मर्जी से बेचते थे। कोच में यात्रा कर रहे डाक्टर और वीआईपी यात्रियों की जानकारी भी मशीन पर है। भविष्य में ऑनलाइन भुगतान भी इसी मशीन के माध्यम से लिया जा सकेगा।

जल्द ही यह सुविधा अन्य ट्रेनों में शुरू होगी। सबसे ज्यादा 488 मशीन प्रयागराज डिविजन को मिले है। खाली सीटों की जानकारी में पारदर्शिता आने के साथ यात्रियों को भी सुविधा होगी। हर चीज अपडेट रहेगी।
- शिवम शर्मा, एनसीआर मुख्य जनसंपर्क अधिकारी

Posted By: Inextlive