ट्रक-बस चालकोंसे भी कोरोना का 'खतरा'
परेड ग्राउंड पर 42.4 डिग्री सेल्सियस तापमान में ट्रक में समय गुजराने को मजबूर
PRAYAGRAJ: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कर्मचारियों और बैलेट बॉक्स को ले जाने-आने के लिए लगाए गए ट्रक व बस चालक अव्यवस्था से जूझ रहे हैं। न ही उनकी कोविड जांच कराई गई और न ही वे खुद जांच करा कर आए हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर ने परेड ग्राउंड में चुनाव डयूटी के लिए मौजूद खड़े ट्रक और बस चालकों से बातचीत की तो यही तथ्य निकलकर सामने आया। एक दिन रहे भूखे, कोई नहीं आया पूछनेरिपोर्टर ने दर्जनों ट्रक और बस चालकों से बातचीत की तो उनका दर्द छलक पड़ा। बताया कि झुलसा देने वाली धूप में अपने वाहन में मौजूद हैं तो इसलिए ताकि कोई पार्ट या सामान चोरी न हो जाए। ट्रक मालिक द्वारा बताया गया था कि कोरोना की जांच वहां होगी। यहां आने के बाद न ही कोई रिपोर्ट मांग रहा है और न ही कोई जांच कर रहा है। सोमवार की शाम खाने की व्यवस्था खुद से करने को कहा गया। नाइट कफ्र्यू के चलते कुछ मिला नहीं तो भूखे सोना पड़ा। एक जगह बड़ी मुश्किल से समोसा और चाय की दुकान खुली मिली। कुछ लोगों ने खाया तो कुछ बिना खाए ही लौट आए।
दो दिन हो रहा है, ट्रक खड़ा करा दिया गया है। बताया गया है कि जरूरत होगी तब बुलाया जाएगा। धूप में अपने ट्रक के अंदर ही सोना पड़ रहा है। ट्रक की सुरक्षा भी जरूरी है। खाने-पीने की व्यवस्था खुद से कर रहे हैं। केशव सिंह ट्रक चालक, बमरौली मालिक ने बताया था कि चुनाव ड्यूटी में जाना है परेड ग्राउंड पहुंच जाओ। वहीं कोरोना जांच भी होगी। यहां आने पर किसी ने कोई जांच नहीं की। दो दिन से तबियत खराब है। जहां पर्चा बंट रहा है, वहां भीड़ है। कब और कहां संक्रमित हो जाऊं इसे लेकर डर बना रहता है। इस कड़ाके की धूप में पानी तक कोई पूछने नहीं आ रहा है। राजबहादुर यादव पीपलगांव आपस के ही कई साथी संक्रमित हैं। ऐसे में डयूटी करने वाले सभी ट्रक और बस चालकों के साथ कंडक्टर की जांच होनी चाहिए। यहां तो कोई जांच के बारे में बात ही नहीं कर रहा है। स्ट्रीट फूड से काम चला रहे हैं। शंकर लाल महेवा