इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में 'परम्परा आधुनिकता और त्रिलोचन का काव्य' पर व्याख्यान

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। 'परम्परा, आधुनिकता और त्रिलोचन का काव्यÓ विषय पर शुक्रवार को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के धीरेन्द्र वर्मा शताब्दी सभागार में आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता सुप्रसिद्ध कवि एवं प्रख्यात आचार्य राधाबल्लभ त्रिपाठी थे। स्वागत प्रो। लालसा यादव ने किया। संयोजक डॉ। महेंद्र प्रसाद कुशवाहा, विशिष्ट वक्ता आचार्य कुमार वीरेंद्र ने व्याख्यान श्रृंखला के महत्व से अपनी बातचीत शुरू की। राम स्वरूप चतुर्वेदी के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि 'वह एक ऐसे आलोचक रहे हैं जिनके साहित्य में हमें परंपरा और आधुनिकता में लकीर नहीं दिखती।

एआई ने कम की दूरी
रामस्वरूप चतुर्वेदी के सुपुत्र और वल्र्ड बैंक, वाशिंगटन में पूर्व आर्थिक सलाहकार डॉ। विनय स्वरूप ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपनी बात रखते हुए कहा कि आज हम तकनीकी के माध्यम से किसी भी साहित्यकार या व्यक्ति के कार्य को जान सकते हैं। हेरंब चतुर्वेदी ने कहा कि रामस्वरूप के हिंदी विद्वानों पर किए गए कार्य के साथ उनके पाश्चत्य साहित्य पर किए गए काम को भी देखना चाहिए। उत्तरछायावाद में इलाहाबाद की भूमिका को भी रेखांकित किया प्रो। अनूप कुमार ने कहा कि चतुर्वेदी जी अपने विद्यार्थियों के साथ इतने सहज थे कि उन्होंने अपनी प्रतिभा से कभी किसी को आच्छादित करने की कोशिश नहीं की। विचारधारा प्रधान आलोचना से उनकी असहमति थी।

निर्भीक कवि थे
मुख्त वक्ता प्रो। राधाबल्लभ त्रिपाठी ने कहा कि त्रिलोचन हिन्दी के सबसे निर्भीक कवियों में से एक हैं। उनकी कविता हमें निर्भीक करती है। अपने सानेटों के माध्यम से उन्होंने सत्ता पर तीखे व्यंग्य किए। भाषा पर त्रिलोचन की गहरी चिंता है। उन्होंने त्रिलोचन के काव्य का संस्कृत परंपरा से संबंध जोड़ते हुए बताया कि त्रिलोचन रामायण, महाभारत और वेदों तक जाते हैं। वे कालिदास से अपने गाँव-गिराँव और देशकाल से जोड़कर नया कर देते हैं। उनकी कविता उषा में ऐसी संस्कृतनिष्ठ शब्दाबली आती है कि संस्कृत के पंडित चकरा जाएं। प्रो.राजेंद्र कुमार ने कहा कि राधाबल्लभ ऐसे संस्कृत व्यक्तित्व हैं जो परंपरा को सीमित नहीं करते और न ही उसे धर्मग्रंथों तक बांधते हैं। संचालन प्रो। आशुतोष पार्थेश्वर ने व धन्यवाद ज्ञापन प्रो। भूरेलाल ने किया। डॉ दीनानाथ मौर्य, डॉ सूर्यनारायण, प्रो संतोष भदौरिया, डॉ राकेश सिंह, डॉ लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता, डॉ विध्याचल यादव, डॉ अमरजीत राम, प्रो आदेश कुमार, प्रो कृपाशंकर पांडेय, डॉ आशुतोष कुमार सिंह, प्रो अनिल प्रताप गिरी, कविता कादंबरी, डॉ विनम्र सेन सिंह, प्रो बृजेश पांडेय, प्रो मानेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ मुकेश , हितेश कुमार सिंह, आनंद मालवीय, प्रो रचना आनंद गौड़, आकांक्षा, शिवम, आर्यपुत्र दीपक, शुभी पांडेय, संकटमोचन आर्य, अवनीश यादव, मारुति मानव, ज्ञानेंद्र द्विवेदी, अनुपम शुक्ला, विप्लव, शिवनारायण, रोशनी, दीक्षा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive