मरीजों को गोल्डन आवर में मिल सकेगा इलाज चौबीस घंटे रहेगी डॉक्टर्स की तैनाती

प्रयागराज ब्यूरो । एसआरएन अस्पताल के ट्रामा सेंटर में आने वाले समय में मरीजों को इलाज के लिए अधिक माथापच्ची नहीं करनी होगी। उनका इलाज परिस्थितियों के आधार पर होगा। इसके लिए ट्रामा सेंटर में थ्री जोन का निर्माण होने जा रहा है। मरीज जिस जोन के लायक होगा, उसका वहां इलाज होगा। इतना ही नही, मौके पर उसे जांच की सुविधा भी उपलब्ध करा दी जाएगी। प्राइमरी जांच के बाद उसका जोन भी तय कर दिया जाएगा, जिसमें अधिक समय नही लगेगा।

एक ही स्थान पर होगी सभी जांच
डिपार्टमेंट ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन एंड ट्रामा केयर में तीन जोन की स्थापना होने जा रही है। जिसके आधार पर मरीज की स्थिति का आंकलन करके उसका इलाज गोल्डेन आवर में शुरू किया जायेगा। नई व्यवस्था के तहत मरीज को जांच लिए दूसरी बिल्डिंग नही जाना होगा। उसकी पैथोलॉजी, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन, एमआरआई सहित सभी जांच वन स्पाट अवेलेबल होंगी। साथ ही ट्रामा सेंटर में सीनियर रेजिडेंट के साथ जूनियर रेजिडेंट की तैनाती 24 घंटे रहेगी। इस सुविधा का लाभ प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों को मिलेगा। कई बार गंभीर मरीजों का इलाज जल्द शुरू नही हो पाता है।

बेहतर सुविधाओं की तैयारी
मरीजों को महाकुंभ से पहले एसआरएन अस्पताल में बेहतर इलाज मिले, इसके लिए तमाम तैयारियां चल रही हैं। इसी क्रम में ट्रामा नोडल डॉ। एलडी मिश्रा गुरुवार को एसआरएन अस्पताल आकर ट्रामा सेंटर का जायजा लेंगे। इसके बाद वह विभागों के एचओडी, जूनियर रेजिडेंट और मेडिकल स्टॉफ के साथ मेडिकल कॉलेज स्थित प्रेक्षागृह में बैठक करेंगे। ट्रामा सेंटर की बेहतरी के लिए कई सुझाव भी देंगे। जिसके आधार पर एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन भविष्य के निर्माण की रूपरेखा तैयार करेगा।

इस तरह से काम करेंगे थ्री जोन
मरीज के प्राइमरी परीक्षण व जांच के आधार पर उसे जोन में बांटा जायेगा।
रेड जोन में गंभीर, यलो में भर्ती करने वाले और ग्रीन जोन में ओपीडी में में मरीज को दिखाया जाएगा।
ट्रामा सेंटर में वर्तमान में पैथोलाजी जांच की जा रही है। जिससे मरीजों को इधर उधर भटकना नही होगा।
अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, एक्सरे, सिटी स्कैन आदि जांच की व्यवस्था जल्द ही की जाएगी।
महाकुंभ के दौरान इस व्यवस्था का लाभ देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भी मिलेगा।

ट्रामा सेंटर में इस सुविधा के शुरू होने से मरीजों को समय रहते अच्छा इलाज मिल सकेगा। डॉक्टरों को यह तय करने में आसानी रहेगी कि कितनी जल्दी मरीज को इलाज मुहैया कराना है। इसका फायदा आने वाले लंबे समय तक मिलेगा।
प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

Posted By: Inextlive