डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की दोहरी नीति चल रही है. पहले तो बदन दर्द बुखार और कमजोरी वाले लक्षण के मरीजों का डेंगू गाइड लाइन के तहत ही इलाज किया जाता है लेकिन जब मरीजों की मौत होती है इसका कारण डेंगू नही माना जाता है. इसमें तमाम नियमों की दुहाई दी जाती है. इसके चलते अभी तक जिले में डेगू से केवल दो मौते ही लीगली दर्ज हैं. जबकि आधा दर्जन से अधिक मामलों में डेंगू को ही मौत का कारण माना जा रहा है.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए गए नियम के मुताबिक मरने वाले मरीज की डेंगू की पुष्टि एलाइजा जांच के जरिए होना जरूरी है। अगर ऐसा नही है तो उसे डेंगू से मृत नही माना जाएगा। जबकि असलियत यह है कि प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वाले सैकड़ों मरीजों को इस नियम की जानकारी नही है। वह प्राइवेट जांच करा लेते हैं। स्वास्थ्य विभाग का एक नियम यह भी है कि प्राइवेट जांच में संक्रमित पाए गए मरीज का इलाज डेंगू गाइड लाइन के तहत किया जाए। विभाग भी ऐसे मरीजों को डेंगू संक्रमित मांगता है लेकिन मौत होने पर अपनी बात से मुकर जाता है।

केवल 20 अस्पतालों ने माना आदेश
इस समय शहर में दो सौ से अधिक नर्सिंग होम हैं लेकिन इनमें से केवल बीस ऐसे हैं जो अपने यहां भर्ती सस्पेक्टेड डेंगू के मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दे रहे हैं। बाकी गुपचुप तरीके से मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज करते हैं और मौत होने पर पल्ला झाड़ लेते हैं। यह अस्पताल स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के आदेश को नही मान रहे हैं। वह अपने मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नही देते हैं।

केवल दो मौतें मान रहा विभाग
उधर स्वास्थ्य विभाग केवल दो मौतों को ही लीगली डेंगू से मान रहा है। जबकि अब तक सात मौतों के डेंगू से होने का दावा परिजनों द्वारा किया जा चुका है। इन सभी मरीजों के लक्षण डेंगू से मिलते जुलते थे। मेडिकल कॉलेज की माइक्रो बायलाजी लैब में डेंगू की एलाइजा जांच की जाती है। कुछ दिनों पहले तक यहां दो शिफ्ट में जांच हो रही थी लेकिन अब इसे घटाकर एक शिफ्ट कर दिया गया। इस तरह से रोजाना 40 से 60 सैंपल ही जा रहे हैं। जबकि इससे कही ज्यादा मरीज रोजाना प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।

20 मरीज, 964 पहुंचा आंकड़ा
बुधवार को जिले में डेंगू के बीस नए मरीज दर्ज किए गए हैं और इस तरह से अब तक आंकड़ा 964 पहुंच चुका है। जल्द ही डेंगू जिले में हजार की संख्या को क्रास कर जाएगा। जबकि यह आफिशियल डाटा है। मरीज इससे कहीं अधिक होंगे। आंकड़ों की इसी जादूगरी के चलते स्वास्थ्य विभाग डेंगू की भयावहता को पब्लिक से छिपाने में कामयाब साबित हो रहा है।

हमारी जानकारी में डेंगू से केवल दो मौत हुई हैं। जिनका एलाइजा टेस्ट नही हुआ है उनकी मौत होती है तो इसे डेंगू नही माना जाएगा। यही कारण है कि प्रत्येक मिलते जुलते लक्षण वाले मरीज को डेंगू की जांच के लिए कहा जा रहा है।
आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी, प्रयागराज

Posted By: Inextlive