सुरक्षा चाहिए तो लेटलतीफी की आदत डाल लें
ट्रेनों की लेटलतीफी को लेकर रेल मंत्री ने दी सफाई
कहा, ट्रैक मेंटीनेंस की वजह से लेट हो रही हैं ट्रेनें ALLAHABAD: अप्रैल के महीने में न तो फॉग है और न ही कोई आपात स्थिति है। इसके बाद भी ट्रेनें 10 से 20 घंटे देरी से चल रही हैं। ट्रेनों की लेटलतीफी को लेकर पूरे देश में सवाल उठ रहा है। यह एक मुद्दा है, लेकिन आप को ट्रेन में सुरक्षित सफर करना है तो लेट-लतीफी की आदत डाल लें। पूरे देश में चल रहे ट्रैक मेंटीनेंस वर्क की वजह से ट्रेनें लेट चल रही हैं। सोशल मीडिया को बनाया सहारा सोशल मीडिया पर ट्रेनों की लेट लतीफी को लेकर लगातार उठ रहे सवाल और पैसेंजर्स के विरोध व हमले को देखते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए अपनी सफाई दी है। @Piyush Goel'गाडि़यों में देरी का कारण मेंटिनेंस और ट्रैक नवीनीकरण है। जिसकी वजह से रेल ट्रैफिक को रोकना पड़ता है। खाने और चादरों की शिकायत पैसेंजर्स रेलवे अधिकारियों से कर सकते हैं। जिस पर तुरंत कार्रवाई की जाती है.'
पीछे से लेट है ट्रेन तो हम क्या करेंट्रेनों की लेट-लतीफी को लेकर पैसेंजर्स इलाहाबाद मंडल के अधिकारियों से भी ट्रेन लेट होने का कारण पूछ रहे हैं। 12561 स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में सवार निशांत आनंद नाम के पैसेंजर ने मंगलवार को इलाहाबाद मंडल के सीनियर डीओएम को ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस 10 से 24 घंटे तक लेट होने पर पूरे सिस्टम को ही वर्स्ट बताया। इस पर सीनियर डीओएम ने रीट्वीट करते हुए जवाब दिया कि ट्रेन जब पीछे से ही काफी लेट चल रही है और लेट रिसीव हो रही है तो फिर हम क्या कर सकते हैं।
ट्रेनों को समय से चलना सुनिश्चित करना है तो कंट्रोलरों, स्टेशन मास्टरों को सही करिए। जवाबदेह बनाइए। एनटीईएस पर झूठी जानकारी बंद कराइए। ट्रेन घंटों लेट रहती है। नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम उसको समय पर गंतव्य स्टेशन पहुंचा देती है। तकनीकि के जमाने में यह बेइमानी क्यों? अरविंद त्रिपाठी इतने भयंकर मेंटिनेंस की क्या जरूरत पड़ गई, जब लोग गर्मी में ट्रेन से शादी के लिए निकल रहे हैं और बारात में न पहुंच के सीध बच्चे के मुंडन में पहुंच रहे हैं। डा। आनंद रघुनंदन बिहार की तरफ जाने वाली ट्रेनों का बुरा हाल है। 10 से 16 घंटे तक ट्रेनें लेट चल रही हैं। इस तरफ ध्यान देना चाहिए। सुमित कुमाररेलवे का खाना-चाय दोनों पहले भी घटिया था, आज भी घटिया ही है। बस आम आदमी ने एडजस्ट करना सीख लिया है। 2014 से उम्मीदें बहुत थी, जो शायद अब खत्म हो चुकी हैं।
कुंवर दुर्गेश रेल मंत्री जी ये बताएं कि मेंटीनेंस वर्क में अभी कितना समय लगेगा। क्या मेंटीनेंस वर्क कम्प्लीट होने के बाद ट्रेनें राइट टाईम चलेंगी। अमरदीप रंजन