व्यापारियों की चाहत बंदी की नौबत न आए
प्रयागराज (ब्यूरो)। व्यापारियों का कहना है कि पिछली दो लहर में बाजार बंदी हुई थी। इसमें कई व्यापारी बर्बादी की कगार पर पहुंच गए। जिन व्यापारियों ने बैंक से लोन लिया था, वह सड़क पर आ गए हैं। बिजली बिल सहित तमाम टैक्स में सरकार ने कोई राहत नही दी। इतनी भी कमाई नही हुई कि इनकी भरपाई की जा सके। यही कारण है कि बहुत से व्यापारी अवसाद में में चले गए हैं।आधा दर्जन की जा चुकी है जानकोरोना से हुए नुकसान की वजह से केवल चौक में आधा दर्जन व्यापारियों की मौत हो चुकी है। व्यापारियों का कहना है कि शुरुआती दोनों लहर में 30 फीसदी व्यापार चौपट हो चुका है। अब एक बार और लॉक डाउन लगा तो महज 50 फीसदी व्यापार ही बचेगा। जिससे मार्केट बुरी तरह से टूट जाएगी। ऑनलाइन व्यापार के बढऩे का खतरा
व्यापारियों का कहना है कि कोरोना काल में ई कंपनियों को बड़ा फायदा हुआ है। लोग उन पर काफी हद तक आश्रित हुए हैं। ऐसा ही चलता रहा तो पूरा बाजार ई कंपनियों के अधीन हो जाएगा। और हमारे देश का मार्केट कल्चर खत्म हो जाएगा। इसलिए सरकार को लोगों को जागरुक करते हुए लॉक डाउन से बचना होगा।
कोरोना के दो लॉक डाउन में चौक के आधा दर्जन से अधिक व्यापारी की मौत हो चुकी है। कुछ ने तो कर्ज में डूबकर सुसाइड कर लिया है। अब हम नही चाहते कि फिर से लॉक डाउन लग जाए।सुशांत केसरवानी, व्यापारीबाजार बंद होने से एक तो व्यापार ठप हो जाता है दूसरे चीजों के दाम बढ़ जाते हैं। मतलब पब्लिक का भी नुकसान होता है। इसलिए व्यापारी एक परसेंट भी बंदी के पक्ष में नही हैं। बाजार मंदी का शिकार हो चुका है।सतीश केसरवानी, व्यापारीबहुत से व्यापारी लॉक डाउन के लिए प्रिपेयर नही हैं। पहले के परिणाम अच्छे नही रहे हैं। लोग अवसाद में जा चुके हैं। अभी भी कई व्यापारी अपना इलाज करा रहे हैं। कई व्यापारियों की रोजी रोटी खतरे में आ चुकी है।सुशील खरबंदा, व्यापारीहम लोग व्यापारियों और ग्राहकों से लगातार मास्क लगाने की अपील कर रहे हैं। अगर सभी संयमित हो जाएं तो लॉक डाउन की आवश्यकता नही होगी। कोरोना से बचाव ही लॉक डाउन से बचने का रास्ता है।मो। कादिर, व्यापारी
लॉकडाउन में सबसे ज्यादा फूड बिजनेस को नुकसान पहुंचा है। होम डिलीवरी भी बंद कर दी जाती है। ऐसे में होटल और रेस्टोरेंट घाटे में चले जाते हैं। उम्मीद है कि सरकार बाजार बंदी से बचने का प्रयास करेगी।रोहित केसरवानी, व्यापारीव्यापारी अभी तक पुराने नुकसान से नही उबर पाए हैं। अब उन्हें बाजार से राहत की उम्मीद है। ऐसे में बाजार बंदी से सरकार को बचना होगा। वरना आर्थिक स्थिति पहले से अधिक खराब हो जाएगी।अनूप वर्मा, व्यापारी